RANCHI: झारखंड में 14 पंजीकृत लेकिन गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों का कोई अता-पता नहीं है। राज्य निर्वाचन आयोग इनसे संपर्क स्थापित करने की कोशिश कर रहा है, लेकिन सफलता नहीं मिल रही। ऐसे में अब इन दलों को असूचीबद्ध (डीलिस्ट) करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
क्यों हो रही है कार्रवाई?
भारत निर्वाचन आयोग समय-समय पर राजनीतिक दलों को चुनाव संबंधी जानकारियां और दिशा-निर्देश भेजता है। लेकिन इन दलों तक ये सूचनाएं नहीं पहुंच पा रही हैं। ऐसे में निर्वाचन आयोग को इनके अस्तित्व पर सवाल उठाना पड़ा है। अब आयोग इन निष्क्रिय दलों को पंजीकरण सूची से हटाने की तैयारी में है।
2022 में भी हुई थी कार्रवाई
इससे पहले 2022 में भी भारत निर्वाचन आयोग ने ऐसे ही कई निष्क्रिय और गैर-मान्यता प्राप्त दलों को चुनावी प्रक्रिया से बाहर कर दिया था। अब एक बार फिर यह कार्रवाई झारखंड में की जा रही है।
ये हैं झारखंड के 14 निष्क्रिय राजनीतिक दल
झारखंड में मौजूद इन 14 पंजीकृत लेकिन गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों पर कार्रवाई हो सकती है:
रांची स्थित दल:
हम किसान पार्टी
जन साधारन पार्टी
झारखंड आजाद पार्टी
झारखंड जनाधिकार पार्टी
झारखंड पार्टी (सेक्यूलर)
झारखंड विकास दल
लोक जन विकास मोर्चा
राष्ट्रीय देशज पार्टी
राष्ट्रीय मजदूर किसान प्रजातांत्रिक पार्टी
राष्ट्रीय सेंगल पार्टी
खतियानी पार्टी
अन्य जिलों के दल:
झारखंड दिशोम पार्टी (पश्चिम सिंहभूम)
बहुजन सदान मोर्चा (गिरिडीह)
सुख समृद्धि पार्टी (हजारीबाग)
चुनाव आयोग के अगले कदम क्या होंगे?
अगर ये दल अपनी सक्रियता साबित नहीं कर पाते, तो इन्हें असूचीबद्ध कर दिया जाएगा। इससे ये किसी भी चुनाव में प्रत्याशी खड़ा करने या अन्य राजनीतिक गतिविधियों में हिस्सा लेने से वंचित हो जाएंगे।
झारखंड की राजनीति में यह बड़ा कदम माना जा रहा है, क्योंकि इससे सिर्फ सक्रिय और जिम्मेदार राजनीतिक दल ही भविष्य में चुनाव प्रक्रिया में बने रहेंगे।
