Puri : पुरी में शुक्रवार को शुरू हुई विश्व प्रसिद्ध श्रीजगन्नाथ रथ यात्रा इस वर्ष श्रद्धालुओं की अपार भीड़ के चलते अफरा-तफरी में बदल गई। प्रशासन के मुताबिक, करीब 10 लाख श्रद्धालु रथ मार्ग पर उमड़े, जो कि पिछले वर्षों की तुलना में डेढ़ गुना अधिक भीड़ है। इस अत्यधिक भीड़ के दबाव ने रथों की सुचारू गति में बाधा उत्पन्न की, वहीं 600 से अधिक श्रद्धालुओं की तबीयत बिगड़ गई, जिनमें 9 की स्थिति गंभीर बताई जा रही है।
तीनों रथों की गति हुई धीमी
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, भगवान बलभद्र का तालध्वज रथ सबसे आगे रहा और आधे रास्ते तक पहुंच सका। देवी सुभद्रा का रथ करीब 750 मीटर ही खिंच पाया, जबकि भगवान जगन्नाथ का नंदीघोष रथ मुख्य मंदिर के बाहर ही महज एक मीटर चल सका। शाम 8 बजे प्रशासन ने रथ खींचने की प्रक्रिया रोकने की घोषणा की। अब शनिवार को यात्रा पुनः आरंभ होगी।
भीड़ का दबाव और प्रशासन की चुनौती
रथ यात्रा मार्ग के एक मोड़ पर रथ को मोड़ने में अत्यधिक कठिनाई आई, जिससे जुलूस की गति धीमी पड़ गई। इसी दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु प्रतिबंधित क्षेत्र में प्रवेश कर गए, जिससे स्थिति और बिगड़ गई। प्रशासन के अनुसार, भीड़ अनुमान से कहीं अधिक रही और सुरक्षा व्यवस्था पर भारी पड़ गई।
चिकित्सा सुविधा पर दबाव
पुरी मेडिकल कॉलेज और अन्य अस्पतालों में 600 से अधिक लोगों का इलाज किया गया। इनमें से 70 को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है और 9 की हालत चिंताजनक बनी हुई है। अधिकतर लोग भीड़भाड़ में दम घुटने, बेहोशी, डिहाइड्रेशन और चोटों की वजह से अस्वस्थ हुए।
प्रशासन अलर्ट मोड में
सुरक्षा सूत्रों का कहना है कि अब प्रशासन अतिरिक्त बल और एंबुलेंस तैनात कर रहा है। साथ ही रथ यात्रा मार्ग पर ड्रोन से निगरानी, पानी वितरण, और आपातकालीन स्वास्थ्य सेवा की व्यवस्था को दुरुस्त किया जा रहा है। शनिवार को रथ यात्रा के दोबारा शुरू होने से पहले अतिरिक्त सुरक्षा इंतजाम किए जाएंगे।