बिहार में गठित हुआ सवर्ण आयोग, महाचन्द्र प्रसाद सिंह बने पहले अध्यक्ष

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सवर्ण महासंघ फाउंडेशन ऑफ इंडिया ने जताई खुशी, डीडी त्रिपाठी ने दी बधाई

जमशेदपुर। सवर्ण समाज के संवैधानिक और राजनैतिक अधिकारों को सुनिश्चित करने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए बिहार सरकार ने राज्य में सवर्ण आयोग के गठन की अधिसूचना जारी कर दी है। यह आयोग सामाजिक आधार पर सवर्णों की स्थिति का मूल्यांकन कर उनकी बेहतरी के लिए कार्य करेगा।



भारतीय जनता पार्टी और जनता दल (यूनाइटेड) की गठबंधन सरकार द्वारा जारी संकल्प संख्या 12594 दिनांक 29.05.2025 की कंडिका 4(i) के तहत इस आयोग का गठन किया गया है। भाजपा नेता महाचन्द्र प्रसाद सिंह को आयोग का पहला अध्यक्ष नियुक्त किया गया है, जिन्हें मंत्री स्तर का दर्जा प्राप्त होगा।



इस फैसले का स्वागत करते हुए सवर्ण महासंघ फाउंडेशन ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष धनुर्धर (डीडी) त्रिपाठी ने केंद्र सरकार, भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का आभार जताया। उन्होंने इसे सवर्ण समाज के लंबे संघर्ष और मांग की सफलता बताया।



डीडी त्रिपाठी ने कहा कि, “अब तक सवर्ण समाज ही एकमात्र ऐसा वर्ग था जो संवैधानिक और राजनैतिक रूप से असुरक्षित एवं असंगठित था।” उन्होंने नीतीश कुमार को याद करते हुए कहा कि जेडीयू में सवर्ण मोर्चा की स्थापना की पहल भी सबसे पहले नीतीश कुमार ने ही की थी, जिसके पहले अध्यक्ष डॉ. नीतीश कुमार (टनटन जी) बनाए गए थे।



साथ ही त्रिपाठी ने यह भी मांग की कि केंद्र सरकार भी जल्द से जल्द राष्ट्रीय सवर्ण आयोग का गठन करे और भाजपा समेत सभी राजनीतिक दल अपने संगठन में सवर्ण मोर्चा की स्थापना करें। उन्होंने कहा कि जैसे अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक वर्गों के लिए आयोग और संगठनिक मोर्चा हैं, उसी तरह सवर्णों को भी समान मंच और प्रतिनिधित्व मिलना चाहिए।

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