जमशेदपुर, 5 मई।
बी.ए. कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, घुटिया द्वारा आयोजित साइंस ओलंपियाड एग्जीबिशन 2025 ने शिक्षा और नवाचार के क्षेत्र में एक नई मिसाल पेश की। सोमवार को आयोजित इस कार्यक्रम में जमशेदपुर और आसपास के 20 स्कूलों के छात्रों ने भाग लिया और विज्ञान, पर्यावरण एवं तकनीक पर आधारित 65 कार्यशील मॉडलों का प्रदर्शन किया।
छात्रों के नवाचारों में दिखा भविष्य का रोडमैप



प्रदर्शनी में प्रस्तुत मॉडलों में सौर ऊर्जा से संचालित गाड़ियाँ, एआई आधारित चिकित्सा सहायक और स्मार्ट एग्रीकल्चर तकनीक जैसी रचनात्मक अवधारणाएं शामिल थीं। इन मॉडलों ने यह सिद्ध किया कि सीमित संसाधनों में भी छात्रों की कल्पनाशीलता और वैज्ञानिक दृष्टिकोण समाज में परिवर्तन की दिशा में कार्य कर सकती है।
मुख्य अतिथि रामदास सोरेन ने बढ़ाया छात्रों का उत्साह
झारखंड सरकार के शिक्षा एवं साक्षरता मंत्री श्री रामदास सोरेन ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की। उन्होंने कहा, “यह प्रदर्शनी विद्यार्थियों को आत्मविश्वास और नवाचार की दिशा में प्रेरित करती है। ग्रामीण-शहरी शिक्षा के अंतर को मिटाने के लिए ऐसे आयोजनों की भूमिका महत्वपूर्ण है।”
शिक्षा में रचनात्मकता की जरूरत पर बल
घाटशिला के एसडीएम श्री सुनील चंद्रा ने कहा कि आज की शिक्षा को प्रयोगात्मक और समाज से जुड़ा बनाना जरूरी है। उन्होंने बच्चों के मॉडलों में दिखी सामाजिक चेतना की सराहना करते हुए कहा कि यह आने वाले समय का सकारात्मक संकेत है।
तीन सर्वश्रेष्ठ मॉडलों को मिला पुरस्कार
प्रतियोगिता के अंत में तीन मॉडलों को उत्कृष्ट नवाचार के लिए पुरस्कृत किया गया:
1. प्रथम पुरस्कार: टीपीएस डीएवी पब्लिक स्कूल, बहरागोड़ा — ‘मल्टी-टास्किंग सोलर कार्ट’
2. द्वितीय पुरस्कार: केरल पब्लिक स्कूल, कदमा — ‘एग्रो टेक’
3. तृतीय पुरस्कार: विद्या भारती चिन्मया विद्यालय, टेल्को — ‘पनेशिया: एआई आधारित चिकित्सा सहायक’
प्राचार्या और आयोजकों ने जताया आभार
कॉलेज की प्राचार्या डॉ. प्रत्यंक्षा प्रसाद ने सभी प्रतिभागियों और अतिथियों का स्वागत किया और छात्रों के नवाचारों की सराहना की। कार्यक्रम का समापन बिहार एसोसिएशन के महासचिव सी.पी.एन. सिंह के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ, जिन्होंने भविष्य में ऐसे आयोजनों को सहयोग देने की प्रतिबद्धता जताई।