जमशेदपुर में मई दिवस पर श्रमिकों को श्रद्धांजलि, जनहित के मुद्दों पर गूंजे नारे



जमशेदपुर (कदमा)।
अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस के अवसर पर बुधवार सुबह 7 बजे जमशेदपुर के कदमा स्थित जॉगर्स पार्क परिसर, निर्मल कॉलोनी में मई दिवस श्रद्धा, संकल्प और संघर्ष की भावना के साथ मनाया गया। इस कार्यक्रम का आयोजन शहीद निर्मल सेवा सदन द्वारा किया गया, जिसमें जन स्वास्थ्य, श्रमिक अधिकार और सामाजिक न्याय को केंद्र में रखते हुए विभिन्न मुद्दों पर जागरूकता फैलाई गई।

कार्यक्रम की अध्यक्षता गौतम कुमार बोस ने की
कार्यक्रम की अध्यक्षता शहीद निर्मल सेवा सदन के महासचिव गौतम कुमार बोस ने की। अपने उद्बोधन में उन्होंने मई दिवस के ऐतिहासिक महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि यह दिवस 1886 के शिकागो श्रमिक आंदोलन की याद दिलाता है, जब 8 घंटे कार्यदिवस की मांग को लेकर श्रमिकों ने बलिदान दिया था। उन्होंने बताया कि आज की परिस्थिति में मजदूर वर्ग एक बार फिर चुनौतियों से जूझ रहा है — नए श्रम कोड, आउटसोर्सिंग, ठेका प्रथा और अस्थायी रोजगार के कारण मजदूरों की सुरक्षा और अधिकारों पर खतरा मंडरा रहा है।

90 घंटे काम की वकालत पर जताई चिंता
बोस ने कहा, “जो ऐतिहासिक सूत्र था — 8 घंटे श्रम, 8 घंटे विश्राम, 8 घंटे मनोरंजन — वह आज दरकिनार किया जा रहा है। अब 90 घंटे काम करने की बातें हो रही हैं, जो सीधे तौर पर मानवाधिकार का हनन है।”

जनजागरूकता के बुलंद नारे
कार्यक्रम के दौरान कई जनहितकारी नारों के माध्यम से सामाजिक चेतना को जगाने का प्रयास किया गया:

दुनिया के मेहनतकश एक हो!

8 घंटे कार्यदिवस के लिए मई दिवस के संघर्ष को जीवित रखें!

समाज में जनपक्षीय समान शिक्षा के लिए आवाज बुलंद करो!

महिलाओं को सम्मान दो!

नशा छोड़ो, स्वस्थ रहो!

नफरत छोड़ो, अपने परिवार को शिक्षित बनाओ!

पर्यावरण को बचाओ!

महंगाई-बेरोजगारी से मुकाबले के लिए शिक्षित बनो, संगठित हो और संघर्ष करो!


प्रतिनिधियों की सक्रिय भागीदारी
कार्यक्रम में झारखंड कौमी एकता मंच, ए.आई.एफ.टी.यू (न्यू), झारखंड क्रांतिकारी मजदूर यूनियन तथा निर्माण श्रमिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। प्रमुख उपस्थितजन में शामिल रहे:
प्रो. असलम मलिक, ब्रेरना कांडुलना, कनीज फातिमा, नासिर खान, अनिमा बोस, शंकर नायक, विनय रजक, रूपेश ठाकुर, अवधेश कुमार, विद्यानंद यादव, सुनील कुमार, संजय केशरी आदि।

धन्यवाद ज्ञापन अवधेश कुमार ने किया।
इस आयोजन का उद्देश्य न केवल मई दिवस की ऐतिहासिक विरासत को याद करना था, बल्कि मजदूर वर्ग की वर्तमान चुनौतियों पर सामूहिक रूप से संवाद स्थापित करना भी था।

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