POSH पर जागरूकता अभियान: नेताजी सुभाष यूनिवर्सिटी में छात्रों को मिला अधिकारों और दायित्वों का ज्ञान, भविष्य की कार्यस्थली सुरक्षा पर पड़ा प्रभाव



जमशेदपुर,
नेताजी सुभाष यूनिवर्सिटी में आज एक महत्वपूर्ण जागरूकता सेमिनार का आयोजन किया गया, जिसका उद्देश्य छात्रों को कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न की रोकथाम (POSH – Prevention of Sexual Harassment) कानून की विस्तृत जानकारी देना था। यह आयोजन Jamshedpur Management Association के सहयोग से यूनिवर्सिटी के शहीद भगत सिंह ऑडिटोरियम में हुआ, जिसमें बड़ी संख्या में छात्र-छात्राओं ने भाग लिया।

कॉर्पोरेट अनुभव की गूंज: वक्ता वसुधा मोहंका का प्रभावशाली संवाद

कार्यक्रम की मुख्य वक्ता Ms. Vasudha Mohanka रहीं, जो XLRI जमशेदपुर और TISS मुंबई की पूर्व छात्रा हैं। वसुधा के पास कॉर्पोरेट जगत में दो दशकों से अधिक का व्यावसायिक अनुभव है। अपने व्यावहारिक दृष्टिकोण और कानूनी समझ के साथ उन्होंने POSH कानून के विभिन्न पहलुओं—जैसे अधिकार, जिम्मेदारियां, शिकायत दर्ज कराने की प्रक्रिया, और Internal Complaints Committee (ICC) की भूमिका—को बेहद सरल और प्रभावशाली तरीके से समझाया।

सिर्फ महिलाओं तक सीमित नहीं, सबके लिए है POSH कानून

वसुधा मोहंका ने सेमिनार में स्पष्ट किया कि POSH कानून केवल महिलाओं की सुरक्षा तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका उद्देश्य प्रत्येक कार्यस्थल को समावेशी, सुरक्षित और सम्मानजनक बनाना है। उन्होंने छात्रों को यह भी बताया कि यौन उत्पीड़न की पहचान कैसे की जाए और किस तरह बिना झिझक अपनी शिकायत दर्ज करवाई जा सकती है।

प्रशासन की सराहना और भविष्य की योजनाएं

कार्यक्रम के समापन पर विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से इस प्रयास की भूरी-भूरी प्रशंसा की गई। प्रशासनिक विभाग के अनुष्ठाता नाजिम खान ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा, “जब कार्यस्थल का वातावरण शुद्ध और सुरक्षित होगा, तभी संस्थान की वास्तविक प्रगति संभव है।”

कुलपति प्रो. डॉ. पी. के. पाणि, प्रतिकुलपति प्रो. डॉ. आचार्य ऋषि रंजन, कुलसचिव नागेंद्र सिंह समेत कई विभागों के अधिष्ठाता और विभागाध्यक्ष भी इस अवसर पर उपस्थित रहे। कार्यक्रम ने न सिर्फ छात्रों की समझ को विस्तृत किया, बल्कि एक संवेदनशील और सुरक्षित कार्य संस्कृति के प्रति उन्हें सजग भी किया।


Leave a Comment

[democracy id="1"]