नेपाल की पहली महिला अंतरिम प्रधानमंत्री बनीं सुशीला कार्की, प्रदर्शनों के दौरान मारे गए लोगों को मिलेगा ‘शहीद’ का दर्जा

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काठमांडू। नेपाल में राजनीतिक उथल-पुथल के बीच रविवार को सुशीला कार्की ने अंतरिम प्रधानमंत्री के रूप में कार्यभार संभाल लिया। वह देश के इतिहास में इस पद पर पहुंचने वाली पहली महिला हैं। सिंह दरबार में पदभार संभालने के बाद कार्की ने साफ किया कि उनकी सरकार सत्ता का आनंद लेने के लिए नहीं, बल्कि देश को स्थिर करने, न्याय दिलाने और छह महीने के भीतर नए चुनाव की तैयारी के लिए बनी है।

भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन के शहीदों को सम्मान
पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस में कार्की ने घोषणा की कि भ्रष्टाचार विरोधी प्रदर्शनों के दौरान मारे गए लोगों को ‘शहीद’ का दर्जा मिलेगा। प्रत्येक शहीद परिवार को 10 लाख नेपाली रुपये मुआवजा दिया जाएगा। घायल प्रदर्शनकारियों का इलाज और उनका खर्च सरकार उठाएगी।

पुनर्निर्माण पर फोकस
कार्की ने कहा कि हिंसक प्रदर्शनों में कई निजी संपत्तियां जला दी गईं। सरकार प्रभावितों को राहत देने के उपाय खोज रही है, जिसमें रियायती ऋण या अन्य मदद शामिल हो सकती है। उन्होंने जोर दिया कि पुनर्निर्माण और आर्थिक स्थिरता उनकी अंतरिम सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता होगी।

हिंसा का दर्दनाक आंकड़ा
द हिमालयन टाइम्स के मुताबिक अब तक हुई झड़पों में 72 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें 59 प्रदर्शनकारी, 10 कैदी और तीन पुलिस अधिकारी शामिल हैं। कार्की ने पीड़ित परिवारों को भरोसा दिलाया कि सरकार शवों को उनके गृह जिलों तक पहुंचाने में सहयोग करेगी।

क्यों बनीं अंतरिम प्रधानमंत्री?
नेपाल की पूर्व मुख्य न्यायाधीश कार्की को शुक्रवार को अंतरिम प्रधानमंत्री की शपथ दिलाई गई। यह बदलाव तब आया जब सोशल मीडिया प्रतिबंध से भड़के देशव्यापी प्रदर्शनों के दबाव में प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को इस्तीफा देना पड़ा। प्रदर्शनकारियों ने ही अंतरिम सरकार का नेतृत्व करने के लिए कार्की के नाम का समर्थन किया था।

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