Jamshedpur :झारखंड के चाईबासा स्थित MP-MLA विशेष न्यायालय ने पूर्व भाजपा जिलाध्यक्ष दिनेश कुमार और वर्तमान शिक्षा मंत्री सह पूर्व झामुमो जिलाध्यक्ष रामदास सोरेन को आचार संहिता उल्लंघन मामले में बरी कर दिया। कोर्ट ने पर्याप्त साक्ष्य के अभाव में यह फैसला सुनाया, जिससे दोनों नेताओं को बड़ी राहत मिली।
क्या था पूरा मामला?
यह केस 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान दर्ज किया गया था। सोनारी थाना में कांड संख्या 52/2019 के तहत शिकायत दर्ज हुई थी, जिसमें आरोप था कि झामुमो और भाजपा कार्यकर्ताओं ने सरकारी खंभों और भवनों पर पार्टी के झंडे व बैनर लगाए।
उस समय रामदास सोरेन झामुमो के जिलाध्यक्ष थे, जबकि दिनेश कुमार भाजपा के जिला अध्यक्ष थे। इस मामले की सुनवाई चाईबासा की विशेष अदालत में चल रही थी, जहां 7 जून 2024 को आरोपों की व्याख्या हुई और अब अदालत ने दोनों नेताओं को निर्दोष करार देते हुए बरी कर दिया।
कोर्ट के फैसले पर क्या बोले नेता?
इस फैसले के बाद भाजपा नेता दिनेश कुमार ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा,
“सत्य परेशान हो सकता है, लेकिन पराजित नहीं। न्याय की जीत हुई है।”
वहीं, रामदास सोरेन ने भी कोर्ट के फैसले पर संतोष जताया।
कौन थे केस के वकील?
इस मामले में अधिवक्ता अंकुर चौधरी ने बचाव पक्ष की ओर से दिनेश कुमार और रामदास सोरेन का पक्ष रखा और अदालत को यह साबित करने में सफल रहे कि नेताओं के खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं था।