जमशेदपुर, 14 सितंबर 2025 – बोड़ाम थाना क्षेत्र के मिरजाडीह फुटबॉल मैदान में आज एक अहम बैठक का आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता शम्भू सिंह ने की। इस बैठक में टाटा विस्थापित, मिरजाडीह डैम विस्थापित और आसपास के 21 गांवों के ग्रामीण बड़ी संख्या में शामिल हुए। बैठक का मुख्य एजेंडा था – सड़क, बिजली, पानी, स्वास्थ्य सुविधाओं की बहाली, विस्थापितों को प्रमाण पत्र देने की मांग और टाटा कंपनी द्वारा जबरन रैयतों को घर छोड़ने के मुद्दे।
विस्थापितों ने रखी अपनी प्रमुख मांगें
बैठक में विस्थापितों और ग्रामीणों ने कई अहम बिंदुओं पर विचार-विमर्श किया। प्रमुख मांगों में शामिल हैं:
टाटा लीज नवीनीकरण से पहले 18 मौजा के रैयत एवं डिमना डैम विस्थापितों का सर्वे कराया जाए।
टाटा विस्थापितों को आधिकारिक विस्थापन प्रमाण पत्र उपलब्ध कराया जाए।
लीज नवीनीकरण कमेटी में टाटा विस्थापितों के प्रतिनिधियों को शामिल किया जाए।
मिरजाडीह डैम से सटे 21 गांवों में सड़क, बिजली, पानी और स्वास्थ्य जैसी मूलभूत सुविधाओं की तत्काल बहाली की जाए।
टाटा कंपनी के रवैये पर ग्रामीणों का आक्रोश
बैठक में उपस्थित लोगों ने कहा कि राजकीय शोक के दिन मिरजाडीह में टाटा कंपनी द्वारा दरवाज़ा तोड़ने की घटना ने विस्थापितों और ग्रामीणों को गहरी चोट पहुँचाई है। इसे लेकर लोगों में भारी आक्रोश व्याप्त है। ग्रामीणों ने साफ कहा कि अब उनकी आवाज़ को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता।
23 सितंबर को पदयात्रा और धरना
बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि 23 सितंबर 2025 को टाटा विस्थापित (86 वस्तियों के मूल रैयत), मिरजाडीह बांध विस्थापित और 21 गांवों के लोग डिमना तिलका मांझी चौक से पदयात्रा करेंगे और उपायुक्त कार्यालय, जमशेदपुर में एक दिवसीय धरना देंगे।
बैठक में शामिल प्रमुख लोग
इस मौके पर हरमोहन महतो, राकेश सिंह, नारायण महतो, प्रहलाद
