Jamshedpur : हूल दिवस के अवसर पर पूर्वी सिंहभूम जिले के उपायुक्त श्री कर्ण सत्यार्थी ने भुइयांडीह स्थित वीर शहीद सिदो-कान्हू की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि 1855 में ब्रिटिश हुकूमत के विरुद्ध प्रारंभ हुआ हूल विद्रोह भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का एक महत्वपूर्ण अध्याय है, जिसमें आदिवासी समाज के वीरों और वीरांगनाओं ने अपने प्राणों की आहुति देकर देशभक्ति की मिसाल कायम की।
उपायुक्त श्री सत्यार्थी ने कहा, “सिदो-कान्हू, चांद-भैरव और फूलो-झानो जैसे असंख्य वीर बलिदानियों के त्याग और साहस से हमें प्रेरणा लेकर सामाजिक समरसता, न्याय और समानता की दिशा में निरंतर कार्य करना चाहिए। यह दिवस न केवल आदिवासी गौरव का प्रतीक है, बल्कि यह स्मरण कराता है कि हमारे झारखण्ड की धरती पर ही आजादी की अलख सबसे पहले जगी थी।”
उन्होंने आगे कहा कि हूल विद्रोह के मूल में सामाजिक न्याय और स्वराज की भावना थी। आज की पीढ़ी का कर्तव्य है कि वह उस बलिदान को याद रखे और उस दिशा में काम करे, जो इन महापुरुषों ने अपने संघर्ष से दिखाया था।
कार्यक्रम में कई प्रशासनिक पदाधिकारी, सामाजिक कार्यकर्ता तथा स्थानीय जनप्रतिनिधि भी उपस्थित रहे। श्रद्धांजलि समारोह के दौरान उपस्थित जनसमूह ने “सिदो-कान्हू अमर रहें” के नारों से वीर शहीदों को याद किया।
