साकची थाने में दर्ज मामले को लेकर गुंजन यादव का विरोध प्रदर्शन, तिरंगे को ‘हथियार’ बताने पर जताई कड़ी आपत्ति

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Jamshedpur : जन सुविधा मंच के शांतिपूर्ण आक्रोश प्रदर्शन पर दर्ज एफआईआर को लेकर जमशेदपुर पूर्वी के विधायक प्रतिनिधि एवं भाजपा महानगर के पूर्व जिलाध्यक्ष गुंजन यादव ने सोमवार को जिला के वरीय पुलिस अधीक्षक से मुलाकात की। उन्होंने इस मामले में पुलिस प्रशासन के रवैये पर गहरी आपत्ति दर्ज कराते हुए निष्पक्ष जांच की मांग की।

गुंजन यादव ने बताया कि बीते 12 जून को साकची क्षेत्र में नशाखोरी और अनैतिक गतिविधियों के खिलाफ स्थानीय नागरिकों, युवाओं और महिलाओं ने तिरंगा झंडा और विरोध की तख्तियों के साथ साकची थाना के समक्ष शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया था। लेकिन इसके जवाब में थाना प्रभारी ने तानाशाही रवैया अपनाते हुए थाना का मुख्य द्वार बंद करवा दिया और प्रतिनिधिमंडल से मिलने से इनकार कर दिया।

सबसे हैरान करने वाली बात यह रही कि अगले दिन एफआईआर में प्रदर्शनकारियों पर हरवे-हथियार लेकर आने का आरोप लगाया गया। इस पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए गुंजन यादव ने कहा कि क्या अब तिरंगा झंडा भी हथियार माना जाने लगा है? यदि हां, तो यह राष्ट्रीय ध्वज का घोर अपमान है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि थाना प्रभारी को तिरंगा और हथियार में फर्क समझ नहीं आ रहा है, उन्हें नेत्र विशेषज्ञ से जांच करानी चाहिए।

उन्होंने आगे कहा कि यदि किसी इलेक्ट्रॉनिक मीडिया फुटेज, सीसीटीवी या किसी वीडियो में एक भी प्रदर्शनकारी के हाथ में तिरंगा या तख्ती के अलावा कुछ और दिखे, तो वे स्वयं सजा भुगतने को तैयार हैं।

गुंजन यादव ने वरीय पुलिस अधीक्षक से मांग की कि इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच किसी वरिष्ठ और जिम्मेदार अधिकारी से कराई जाए ताकि सत्य सामने आ सके और दर्जनों युवा और महिलाएं न्याय पा सकें। उन्होंने यह भी बताया कि वरीय पुलिस अधीक्षक ने मामले को गंभीरता से लेते हुए उचित जांच का आश्वासन दिया है।

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