Tata Steel Foundation : टाटा स्टील फाउंडेशन ने ग्रामीण युवाओं को दी नई उड़ान, 100% प्लेसमेंट के साथ गढ़ा आत्मनिर्भर भारत का सपना

Jamshedpur : टाटा स्टील फाउंडेशन ने एक बार फिर ग्रामीण भारत में कौशल विकास और रोजगार सृजन के क्षेत्र में अपनी प्रतिबद्धता को सशक्त रूप से सिद्ध किया है। अप्रैल 2025 में झारखंड और ओडिशा के दूरवर्ती क्षेत्रों से 70 युवाओं को प्रतिष्ठित राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय कंपनियों में रोजगार मिला। यह उपलब्धि भारत सरकार के स्किल इंडिया मिशन के अनुरूप, उद्योगोन्मुखी प्रशिक्षण देने की दिशा में फाउंडेशन के निरंतर प्रयासों का सजीव उदाहरण है। अब तक टाटा स्टील फाउंडेशन द्वारा समर्थित आईटीआई संस्थानों से 1431 छात्रों का प्लेसमेंट हो चुका है, जिनमें से 38 अंतरराष्ट्रीय अवसर हैं। वित्तीय वर्ष 2024–25 में कुल 213 छात्रों को रोजगार मिला और केवल अप्रैल 2025 में ही 70 युवाओं को नौकरी प्राप्त हुई।



आईटीआई तामाड़, जो वर्ष 2012 में स्थापित हुआ था, इस कौशल विकास यात्रा की नींव बना। आज झारखंड और ओडिशा में चार आईटीआई संस्थान पीपीपी मॉडल के तहत संचालित हो रहे हैं — तीन झारखंड सरकार और एक ओडिशा सरकार के सहयोग से।



टाटा स्टील फाउंडेशन के हेड स्किल डेवलपमेंट कैप्टन अमिताभ ने बताया, “हमारे लिए सबसे बड़ी उपलब्धि यह है कि आईटीआई शिक्षा अब समाज के वंचित तबकों के लिए प्रेरणास्रोत बन चुकी है। पहले जहां प्रशिक्षण के लिए जागरूकता की कमी थी, आज हमें स्क्रीनिंग के माध्यम से छात्रों का चयन करना पड़ रहा है। लगातार 100% प्लेसमेंट और विदेशों तक पहुंच बनाना इस बदलाव का स्पष्ट प्रमाण है।



एक खास उपलब्धि के रूप में, मस्ती की पाठशाला से जुड़े 8 छात्रों ने आईटीआई तामाड़ से एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स पूरा कर टाटा मार्कोपोलो में 3.2 लाख रुपये प्रति वर्ष के पैकेज पर प्लेसमेंट प्राप्त किया। इनमें से अधिकांश छात्र अपने परिवार की पहली पीढ़ी से हैं जो औपचारिक शिक्षा और तकनीकी प्रशिक्षण प्राप्त कर सके। यही नहीं, दुबई और हांगकांग जैसे देशों में 1.5 लाख रुपये मासिक वेतन के साथ उनकी नियुक्ति यह सिद्ध करती है कि फाउंडेशन द्वारा दिया गया प्रशिक्षण न केवल गुणवत्ता में उत्कृष्ट है, बल्कि वैश्विक बाजार के लिए भी उपयुक्त है।



आईटीआई पाठ्यक्रमों में मैन्युफैक्चरिंग, कैपिटल गुड्स, ऑटोमोबाइल, इलेक्ट्रिकल वर्क, मैकेनिकल रिपेयर और बिजनेस डेवेलपमेंट शामिल हैं। इन कार्यक्रमों ने ग्रामीण युवाओं को आत्मनिर्भर बनने, परिवार को सहारा देने और समाज में सम्मानजनक स्थान प्राप्त करने का अवसर दिया है। टाटा स्टील फाउंडेशन, शिक्षा और आजीविका के क्षेत्र में नवाचार और समावेशिता को बढ़ावा देते हुए, आज भारत के कौशल पारिस्थितिकी तंत्र का एक मजबूत स्तंभ बन चुका है।

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