चांडिल में हाथियों का आतंक: ग्रामीण दहशत में, दो घर क्षतिग्रस्त, कई क्विंटल अनाज नष्ट

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चांडिल: हाथियों के उत्पात से दहशत में ग्रामीण, कई क्विंटल अनाज किया चट, घरों को पहुंचा नुकसान
दुमदुमी गांव में दो दिनों से मचा है हाथियों का कहर, वन विभाग ने की सावधानी बरतने की अपील

सरायकेला (चांडिल)। चांडिल वन क्षेत्र के ग्रामीण इलाकों में इन दिनों जंगली हाथियों का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है। नीमडीह थाना क्षेत्र अंतर्गत दुमदुमी गांव में बीते दो दिनों से हाथियों का झुंड तबाही मचा रहा है। रविवार और सोमवार की रात करीब 15 हाथियों के दल ने कई घरों में घुसकर वहां रखे गए धान और चावल को चट कर गए। ग्रामीणों का कहना है कि वे अब डर के साए में जीने को मजबूर हैं।

दो रातों में दो परिवारों को बना निशाना
ग्रामीणों के अनुसार रविवार रात हाथियों ने बनू महतो के घर को क्षतिग्रस्त करते हुए घर में रखे धान और चावल को खा लिया। इसके बाद सोमवार देर रात दलगोविंद महतो के घर पर हमला किया गया, जहां हाथियों ने करीब चार क्विंटल धान नष्ट कर दिया और घर के बर्तनों को भी नुकसान पहुंचाया। दोनों ही परिवारों के सदस्यों ने भागकर जान बचाई।

झुंड में छोटे-बड़े मिलाकर 15 हाथी
स्थानीय लोगों के मुताबिक, इस झुंड में पांच शिशु हाथियों समेत नर और मादा हाथी शामिल हैं। ये झुंड तिल्ला पंचायत क्षेत्र में दो से तीन समूहों में बंटकर आसपास के गांवों में भोजन की तलाश में भटक रहे हैं। किसी व्यक्ति को सामने देखते ही हाथी आक्रामक हो जाते हैं और कई ग्रामीण घायल भी हो चुके हैं।

ग्राम प्रधान का वन विभाग पर आरोप
रघुनाथपुर के ग्राम प्रधान बर्द्धनाथ महतो ने कहा कि पिछले छह वर्षों से ईचागढ़ विधानसभा क्षेत्र में हाथियों का झुंड लगातार उत्पात मचा रहा है। “इको सेंसिटिव ज़ोन” के नाम पर करोड़ों रुपये का फंड वन विभाग को मिल रहा है, लेकिन उसका लाभ जमीन पर नहीं दिखता। उन्होंने फंड के दुरुपयोग की आशंका जताई और सरकारी लापरवाही पर सवाल उठाया।

वन विभाग ने किया निरीक्षण, दी चेतावनी


घटना की जानकारी मिलते ही वन विभाग की टीम गांव पहुंची और घटनास्थल का निरीक्षण किया। प्रभावित परिवारों से बयान दर्ज कर क्षतिपूर्ति की प्रक्रिया शुरू की गई है। विभाग ने ग्रामीणों को सावधानी बरतने की सलाह दी है और खासकर शाम होते ही घरों से बाहर न निकलने की चेतावनी जारी की है।

रात के समय गांवों में घुस रहे हाथी
वन विभाग के अनुसार, इलाके में बड़ा झुंड सक्रिय है जो रात के समय भोजन की तलाश में जंगल छोड़कर गांवों की ओर चला आता है। विभाग लगातार निगरानी कर रहा है लेकिन हाथियों की संख्या और उनका बिखरा हुआ मूवमेंट चुनौती बनकर सामने आ रहा है।

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