कानपुर : राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद कानून बन चुके वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर चल रहे विवादों के बीच इस पर चर्चा अब हिंसा का कारण बन रही है। ताजा मामला उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले में सामने आया है, जहां वक्फ बिल पर मोबाइल पर बात कर रहे एक रिटायर्ड कर्नल पर जानलेवा हमला किया गया। पीड़ित का आरोप है कि कैब ड्राइवर ने न केवल उनके साथ अभद्रता की, बल्कि अपने साथियों को बुलाकर मारपीट की और जरूरी कागजात व नगदी लूट ली।
मोबाइल पर बात सुनकर भड़क गया ड्राइवर
जानकारी के अनुसार, रिटायर्ड कर्नल सूर्य प्रकाश सिंह, जो वर्तमान में कानपुर नगर के जिला सैनिक कल्याण एवं पुनर्वास अधिकारी के पद पर तैनात हैं, 4 अप्रैल की रात ओला कैब से कानपुर कैंट से लखनऊ के लिए रवाना हुए थे। कैब चला रहा ड्राइवर वसीम, कानपुर के बाबूपुरवा थाना क्षेत्र का निवासी बताया जा रहा है।
रास्ते में कर्नल सिंह मोबाइल फोन पर वक्फ संशोधन कानून पर चर्चा कर रहे थे, जिसे सुनकर ड्राइवर वसीम भड़क गया। पहले उसने गाली-गलौज की, फिर विरोध करने पर स्थिति और बिगड़ गई। कर्नल का आरोप है कि वसीम ने व्हाट्सएप पर एक ग्रुप में अपनी लाइव लोकेशन भेजी और संदिग्ध संदेश भेजे।
रास्ते में रोककर बुलाए हमलावर
थोड़ी दूरी तय करने के बाद गाड़ी को सुनसान इलाके में रोक दिया गया। तभी वहां 5-6 युवक पहुंचे और उन्होंने कर्नल सिंह पर नुकीले पत्थरों और डंडों से हमला कर दिया। हमले में कर्नल के सिर पर गंभीर चोटें आईं और वह बेहोश हो गए। होश आने पर उन्होंने खुद को हमलावरों के बीच घिरा पाया।
कर्नल के अनुसार, हमलावरों में आरिफ नामक व्यक्ति प्रमुख था और अधिकतर लोग मुस्लिम समुदाय से थे। आरोप है कि उनकी पैंट की पिछली जेब से तीन हजार रुपये नकद और जरूरी दस्तावेज भी लूट लिए गए।
पुलिस की भूमिका पर भी सवाल
सूचना मिलने पर PVR 112 की पुलिस मौके पर पहुंची, लेकिन कर्नल सिंह का आरोप है कि मौके पर पहुंची पुलिस शुरुआत में हमलावरों के प्रति नरम रवैया अपना रही थी। चौकी इंचार्ज के आने के बाद स्थिति कुछ बदली। कर्नल सिंह ने उन्नाव के अचलगंज थाने में शिकायत दर्ज कराई है और मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है।
संवेदनशील मामला, पुलिस जांच के घेरे में
यह घटना ऐसे समय में सामने आई है जब वक्फ संशोधन कानून को लेकर देशभर में बहस और विरोध की स्थिति बनी हुई है। कई याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में लंबित हैं और समुदाय विशेष में असंतोष भी देखा जा रहा है। ऐसे में इस घटना ने मामले को और संवेदनशील बना दिया है।
फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है, लेकिन रिटायर्ड सेना अधिकारी पर हुआ यह हमला न केवल कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़ा करता है, बल्कि धार्मिक असहिष्णुता की बढ़ती घटनाओं की ओर भी इशारा करता है।