167 मजदूरों की अटूट एकता, उत्पादन ठप कर विरोध प्रदर्शन जारी
मेटालसा इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के 167 श्रमिकों ने अपनी मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल कर दी है। कंपनी प्रबंधन के साथ पांच राउंड वार्ता होने के बावजूद कोई निष्कर्ष नहीं निकल पाया, जिससे नाराज श्रमिकों ने अपनी लड़ाई को आगे जारी रखने का फैसला किया है।
प्रदर्शन की मुख्य बातें
100% श्रमिकों की भागीदारी, संगठित विरोध
श्रमिकों ने एकजुट होकर धरना प्रदर्शन किया और कंपनी के खिलाफ आवाज उठाई। उत्पादन पूरी तरह ठप हो गया है, जिससे कंपनी को बड़ा नुकसान हो सकता है।
प्रबंधन की वार्ता विफल, श्रमिकों का दमन जारी
त्रिपक्षीय वार्ता नहीं हो सकी – कंपनी, श्रमिक यूनियन और श्रम विभाग के बीच कोई आधिकारिक चर्चा नहीं हो पाई।
जबरन हस्ताक्षर का आरोप – HR अरशद अली और प्लांट हेड शशि कुमार पर श्रमिकों से जबरन हस्ताक्षर करवाने का आरोप है।
बिना वेतन ओवरटाइम – मजदूरों से 3-5 घंटे अतिरिक्त काम लिया गया, लेकिन भुगतान नहीं हुआ।
27 फरवरी 2025 को बढ़ा विवाद – यूनियन से जबरन नाम वापस लेने के लिए दबाव बनाया गया और मजदूरों को धरना देने के लिए मजबूर किया गया।
प्रशासन की भूमिका और आगे की कार्यवाही
श्रम अधीक्षक अविनाश ठाकुर – मौके पर पहुंचे लेकिन विदेशी कंपनी प्रबंधन के खिलाफ कोई ठोस कदम नहीं उठा पाए।
यूनियन अध्यक्ष राजीव पाण्डेय की शिकायत – उन्होंने मुख्य कारखाना निरीक्षक मनीष सिन्हा से संपर्क कर ओवरटाइम भुगतान न होने की जानकारी दी।
कारखाना निरीक्षक की कार्रवाई – यूनियन और मजदूरों को 1:30 बजे साक्ष्य सहित उपस्थित होने का निर्देश दिया गया।
श्रमिकों की प्रमुख मांगें
1. उच्च स्तरीय जांच और दोषियों पर कार्रवाई – श्रम कानूनों के तहत सख्त कदम उठाए जाएं।
2. जबरन हस्ताक्षर अमान्य घोषित किए जाएं – श्रमिकों की सहमति के बिना लिए गए हस्ताक्षरों को रद्द किया जाए।
3. ओवरटाइम भुगतान – 3-5 घंटे बिना वेतन काम करवाने की प्रथा बंद हो और बकाया भुगतान किया जाए।
4. त्रिपक्षीय वार्ता हो – कंपनी प्रबंधन, यूनियन और श्रम विभाग के बीच निष्पक्ष वार्ता सुनिश्चित की जाए।
क्या होगा आगे?
यदि श्रमिकों की मांगों पर जल्द निर्णय नहीं लिया गया, तो वे अपनी अनिश्चितकालीन हड़ताल को और तेज करेंगे। श्रमिकों का कहना है कि HR अरशद अली और प्लांट हेड शशि कुमार की दमनकारी नीतियां ही इस आंदोलन की मुख्य वजह हैं।
मेटालसा वर्कर्स यूनियन की अपील
मेटालसा वर्कर्स यूनियन ने सभी संबंधित अधिकारियों से तत्काल उचित कार्रवाई की मांग की है ताकि श्रमिकों को न्याय मिल सके और उनके अधिकार सुरक्षित रह सकें।
