जमशेदपुर में मणिपाल अस्पताल ईएम बाइपास ने शुरू किया प्रोस्टेट कैंसर जागरूकता अभियान, मरीजों की उम्मीदों को दी नई दिशा

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जमशेदपुर, 13 सितम्बर 2025: प्रोस्टेट कैंसर जागरूकता माह के अवसर पर कोलकाता स्थित मणिपाल अस्पताल, ईएम बाइपास ने जमशेदपुर में एक प्रेरणादायक कार्यक्रम आयोजित किया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य प्रोस्टेट कैंसर से जुड़ी अहम जानकारियाँ साझा करना और लोगों को शुरुआती लक्षणों के प्रति सजग बनाना था।कार्यक्रम में लगभग 15 कैंसर विजेताओं ने अपने जीवन संघर्ष और अनुभव साझा किए, जिससे उपस्थित लोगों को आशा और प्रेरणा मिली। मणिपाल अस्पताल, ईएम बाइपास के यूरोलॉजी, सर्जिकल ऑन्कोलॉजी और रोबोटिक सर्जरी विभाग के प्रमुख डॉ. अभय कुमार ने प्रोस्टेट कैंसर के शुरुआती लक्षण, निदान और आधुनिक उपचार के तरीकों पर विस्तार से जानकारी दी।

डॉ. कुमार ने बताया कि पिछले तीन दशकों में शुरुआती उम्र में प्रोस्टेट कैंसर के मामलों में तेजी से वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा, “अकसर यह बीमारी गलत तरीके से पहचानी और इलाज की जाती है, जिससे जटिलताएं बढ़ जाती हैं। शुरुआती जांच और सही समय पर उपचार बेहद महत्वपूर्ण हैं। हर साल शुरुआती प्रोस्टेट कैंसर के मामलों में लगभग 5% की वृद्धि हो रही है।”

इंटरएक्टिव सत्र के दौरान डॉ. कुमार ने कई मिथकों को भी तोड़ा। उन्होंने कहा, “प्रोस्टेट कैंसर का इलाज अब पहले की तुलना में बहुत आसान और प्रभावी है। आधुनिक रोबोटिक सर्जरी और कृत्रिम बुद्धिमत्ता की मदद से जटिल मामलों का भी सटीक प्रबंधन संभव है। यह तकनीक मरीज की जीवन-गुणवत्ता बनाए रखते हुए सफलता प्रदान करती है।”

कार्यक्रम में कैंसर से उबर चुके मरीजों ने भी अपने अनुभव साझा किए। 72 वर्षीय प्रोफेसर प्रनोबेश रॉय ने कहा, “मणिपाल अस्पताल में रोबोटिक सर्जरी मेरे जीवन का सबसे सही निर्णय साबित हुआ। मेरी रिकवरी तेज़ थी और आज मैं पूरी तरह स्वस्थ और सक्रिय हूं।”

71 वर्षीय के.डी.पी. सिंह ने बताया, “मेरी किडनी भी प्रभावित थी, लेकिन डॉ. अभय कुमार और उनकी टीम ने रोबोटिक सर्जरी कर मेरा जीवन बदल दिया। आज मैं फिर से सक्रिय और स्वस्थ महसूस कर रहा हूं।”

57 वर्षीय तपस कुमार महतो ने कहा, “डर के बावजूद इस उन्नत तकनीक और डॉक्टरों की देखभाल ने मुझे उम्मीद और नई शक्ति दी। आज मैं स्वस्थ, सक्रिय और आत्मविश्वास से भरा हूं।”

डॉ. कुमार ने अंत में यह संदेश दिया कि प्रोस्टेट कैंसर से डरने की जरूरत नहीं है। समय पर जांच और आधुनिक उपचार से इस बीमारी को मात दी जा सकती है। मणिपाल अस्पताल, ईएम बाइपास ने अपने अनुभव और विशेषज्ञता के माध्यम से यह संदेश दिया कि चाहे कोई भी उम्र या पृष्ठभूमि का मरीज हो, वह उन्नत रोबोटिक तकनीक का लाभ उठा सकता है।