उपायुक्त की अध्यक्षता में आजीविका संवर्धन पर अहम बैठक, पारंपरिक कलाओं को मिली बढ़ावा देने की दिशा

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Jamshedpur : पूर्वी सिंहभूम समाहरणालय सभागार में उपायुक्त श्री कर्ण सत्यार्थी की अध्यक्षता में आजीविका संवर्धन को लेकर एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया। बैठक का उद्देश्य जिले के विभिन्न प्रखंडों में सक्रिय कृषि समूहों और पारंपरिक कला-संस्कृति से जुड़े कारीगरों को स्थायी आजीविका से जोड़ने तथा उनके उत्पादों को प्रशिक्षण, मानकीकरण और बाज़ार उपलब्धता जैसे आयामों से सशक्त करना रहा।

बैठक में मधु संग्रहण, मशरूम उत्पादन, काजू उत्पादन, बांस शिल्प (बंबू क्राफ्ट), डोकरा शिल्पकला, पाटकर चित्रकला, पारंपरिक वाद्य यंत्र निर्माण, मिट्टी शिल्प (पॉटरी), और जर्मन सिल्वर शिल्प जैसे क्षेत्रीय उत्पादों के संवर्धन पर विस्तृत विमर्श हुआ।

उपायुक्त ने बैठक में स्पष्ट किया कि आजीविका योजनाएं केवल प्रदर्शनी की वस्तु न बनें, बल्कि स्थायी आर्थिक परिवर्तन का साधन बनें। उन्होंने कहा ऐसे उत्पादों को प्राथमिकता दी जाए जो गुणवत्तापूर्ण हों और बाज़ार में प्रतिस्पर्धा कर सकें। मार्केटिंग के लिए सरकारी सहयोग के साथ-साथ समूहों को स्वयं भी सक्षम बनना होगा।”

उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि चयनित समूहों को प्रशिक्षण, विपणन व्यवस्था, मानकीकरण और तकनीकी सहायता के साथ बाजार संपर्क स्थापित करने में जिला प्रशासन सक्रिय सहयोग करेगा।

चार समितियों को सौंपा गया निबंधन प्रमाण पत्र

बैठक के दौरान उपायुक्त द्वारा चार पारंपरिक शिल्प समितियों को निबंधन प्रमाण पत्र प्रदान किए गए:

1. मारंग बुरू औद्योगिक सहयोग समिति लिमिटेड, पारूलिया (मुसाबनी)


2. पैटकर पेंटिंग शिल्पकार औद्योगिक सहयोग समिति लिमिटेड, धालभूमगढ़


3. अंधारझोर वाद्ययंत्र शिल्पकार औद्योगिक सहयोग समिति लि., बोड़ाम


4. डोकरा शिल्पकार औद्योगिक सहयोग समिति लि., मुसाबनी



उपायुक्त ने निर्देश दिया कि 15 दिनों के भीतर बैठक में हुई चर्चाओं को अमल में लाने हेतु विभागीय कार्यवाही प्रारंभ की जाए, जिससे परिणामजनक प्रगति सुनिश्चित की जा सके।

बैठक में उप विकास आयुक्त, उद्योग विभाग के महाप्रबंधक, डीडीएम नाबार्ड, जिला कृषि/मत्स्य/पशुपालन/उद्यान/सहकारिता पदाधिकारी, डीपीएम जेएसएलपीएस, व विभिन्न सहकारी समितियों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे। यह पहल जिले में सांस्कृतिक धरोहरों के संरक्षण और स्थानीय स्तर पर आजीविका संवर्धन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखी जा रही है।

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