राजस्व घाटा कम करने की दिशा में सख्त कदम
Jharkhand झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड (JBVNL) ने चालू वित्तीय वर्ष की आखिरी तिमाही में राजस्व संग्रह पर पूरा ध्यान केंद्रित किया है। बिजली विभाग ने बकाएदारों पर सख्त कार्रवाई का निर्देश जारी करते हुए 10,000 रुपये से अधिक के बकाया रखने वाले उपभोक्ताओं की बिजली लाइन काटने की प्रक्रिया शुरू की है।
विशेष रूप से, निगम ने बड़े बकाएदारों, जैसे सरकारी विभाग और वाणिज्यिक उपभोक्ताओं, के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है। हजारीबाग इंजीनियरिंग कॉरपोरेशन (HEC) पर 450 करोड़ रुपये का बकाया है। विभाग ने उन्हें जल्द भुगतान के लिए नोटिस जारी किया है।
जेबीवीएनएल पर बढ़ता घाटा: आंकड़े और चुनौतियां
पिछले कुछ वर्षों में जेबीवीएनएल का घाटा लगातार बढ़ा है।
वित्तीय वर्ष 2020-21 में घाटा: ₹2,200 करोड़
2021-22 में घाटा: ₹2,600 करोड़
2022-23 में घाटा: ₹2,500 करोड़
2023-24 में घाटा: ₹7,400 करोड़
कुल मिलाकर, राज्य में निगम का बकाया ₹8,000 करोड़ तक पहुंच गया है। लगभग 10 लाख उपभोक्ताओं में से केवल 40-50% ही समय पर बिल का भुगतान करते हैं। शेष 40% पर लंबे समय से बकाया है।
घरेलू उपभोक्ताओं के लिए राहत, लेकिन बढ़ा आर्थिक दबाव
राज्य सरकार द्वारा 200 यूनिट तक बिजली मुफ्त और पुराने बकाए माफ किए जाने के कारण जेबीवीएनएल पर आर्थिक दबाव बढ़ा है। इसके बावजूद निगम ने शहरी क्षेत्रों में बड़े बकाएदारों पर कार्रवाई तेज कर दी है।
मासिक राजस्व वसूली में सुधार की कोशिश
हर महीने जेबीवीएनएल लगभग ₹400-500 करोड़ का राजस्व एकत्र करता है, जिसमें रांची क्षेत्र का योगदान ₹100 करोड़ के करीब है। राजस्व में सुधार के लिए उपभोक्ताओं को समय पर बिल उपलब्ध कराने और बकाएदारों पर कार्रवाई सुनिश्चित की जा रही है।
निगम का संदेश: समय पर भुगतान करें
रांची विद्युत प्रक्षेत्र के महाप्रबंधक मनमोहन कुमार ने कहा कि उपभोक्ताओं को समय पर बिजली बिल का भुगतान करना चाहिए। उन्होंने बताया कि ज्यादातर बकाएदार वाणिज्यिक उपभोक्ता हैं। निगम ने इस बार बकाया वसूली के लिए सख्त कदम उठाने का निर्णय लिया है।