JAC Exam paper Leak Controversy, Education System in Jharkhand, झारखंड बोर्ड का साइंस पेपर लीक: शिक्षा व्यवस्था पर सवाल, सरकार की कार्यशैली कटघरे में इस मुद्दे को लेकर (भाजयुमो) के जिला अध्यक्ष नीतीश कुशवाहा ने कड़ा विरोध जताते हुए सरकार को जिम्मेदार ठहराया

SHARE:

सरकार की निष्क्रियता पर भाजपा का हमला

Jamshedpur :भाजयुमो के जिला अध्यक्ष नीतीश कुशवाहा ने कहा कि पेपर लीक की लगातार घटनाएं राज्य सरकार और शिक्षा विभाग की विफलता को दर्शाती हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि हेमंत सोरेन सरकार के कार्यकाल में पेपर लीक आम बात बन गई है, जिससे छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है। उन्होंने कहा, “पहले JPSC और SSC जैसे बड़े परीक्षाओं के पेपर लीक होते थे, लेकिन अब 12वीं बोर्ड परीक्षा तक इससे अछूती नहीं रही। यह सरकार की निकम्मी कार्यशैली का प्रमाण है।”

उन्होंने चेतावनी दी कि यदि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं की गई तो भाजयुमो इस मुद्दे को सड़क से लेकर सदन तक उठाएगा और व्यापक आंदोलन करेगा।


शिक्षा विभाग और मंत्री पर उठे सवाल

पेपर लीक की घटना ने शिक्षा विभाग की भूमिका पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। हाल ही में JAC के अध्यक्ष की नियुक्ति के बावजूद परीक्षाओं में कदाचार नहीं रुक पा रहा है। यह स्थिति दर्शाती है कि या तो प्रशासन लापरवाह है या भ्रष्टाचार में लिप्त है।

शिक्षा मंत्री की भूमिका पर सवाल उठाते हुए कहा गया कि उनकी जिम्मेदारी केवल भाषण देने तक सीमित नहीं होनी चाहिए। जब छात्र अपने भविष्य के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं, तो उनके सपनों के साथ खिलवाड़ क्यों किया जा रहा है? अब समय आ गया है कि सरकार इस लापरवाही की जवाबदेही ले और दोषियों को कठोर सजा दे।



भविष्य सुधारने के लिए ठोस कदम जरूरी

झारखंड की शिक्षा व्यवस्था को सुधारने के लिए सरकार को जल्द से जल्द प्रभावी कदम उठाने होंगे। जब तक पेपर लीक करने वाले गिरोह और इसमें संलिप्त अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई नहीं होगी, तब तक परीक्षाओं की विश्वसनीयता बहाल नहीं हो सकती। छात्रों और उनके अभिभावकों का विश्वास बनाए रखने के लिए पारदर्शी और निष्पक्ष परीक्षा प्रणाली सुनिश्चित करनी होगी। अब सवाल यह है कि सरकार कब तक इस लापरवाही की अनदेखी करती रहेगी और कब छात्रों को नकल और पेपर लीक की घटनाओं से मुक्त परीक्षा प्रणाली मिलेगी?

 

Leave a Comment