पूर्वी सिंहभूम में ‘विश्व स्तनपान सप्ताह’ का समापन, चिकित्सकों ने बताया माँ के दूध का महत्व

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जमशेदपुर, 7 अगस्त 2025:
सिविल सर्जन कार्यालय, पूर्वी सिंहभूम के तत्वावधान में विश्व स्तनपान सप्ताह (1 से 7 अगस्त 2025) के अवसर पर सदर अस्पताल स्थित सीएचओ क्लासरूम में समापन कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम का संचालन सिविल सर्जन डॉ. साहिर पाल के निर्देशानुसार किया गया। इस अवसर पर जिले के वरिष्ठ चिकित्सकों और विशेषज्ञों ने माँ के दूध की महत्ता, स्तनपान के लाभ और इससे जुड़ी सावधानियों पर प्रकाश डाला।

माँ का दूध – शिशु के लिए अमृत तुल्य: विशेषज्ञों की राय

कार्यक्रम में जिला कुष्ठ परामर्शी डॉ. राजीव लोचन महतो ने कहा:

“माँ का दूध नवजात शिशु के लिए अमृत के समान है। यह शिशु के इम्यून सिस्टम को मज़बूत करता है और संक्रमण से रक्षाकरता है। माताओं को अपने शिशु को स्तनपान कराने का संकल्प लेना चाहिए, क्योंकि इससे बच्चे का IQ लेवल भी बेहतर होता है।”

डॉ. कल्याण महतो ने कहा:

“माँ का दूध शिशु के लिए सर्वोत्तम, पोषक और प्राकृतिक आहार है। यह विकल्प नहीं बल्कि हर माँ का कर्तव्य और संकल्प होना चाहिए।”

स्तनपान से माँ और बच्चे दोनों को लाभ

डॉ. सौमेन दत्ता ने स्तनपान को माताओं के लिए भी लाभकारी बताया:

“स्तनपान से माँ को कैंसर, मोटापा और तनाव जैसी बीमारियों से भी बचाव होता है।”

डॉ. प्रशांत प्रिया ने कहा:

“माँ का दूध नवजात को एलर्जी, पीलिया (जॉन्डिस), निमोनिया जैसी बीमारियों से बचाता है। यह संपूर्ण प्रतिरक्षा कवच प्रदान करता है।”

स्तनपान के दौरान स्वच्छता और सावधानी ज़रूरी: डॉ. नमिता झा

अनुमंडल अस्पताल, घाटशिला से आईं डॉ. नमिता झा ने बताया कि:

“माँ का दूध शिशु के लिए पचाने में आसान होता है और इसके लिए किसी प्रकार का खर्च नहीं आता। लेकिन स्तनपान कराते समय माँ को स्वच्छता का विशेष ध्यान देना चाहिए। माँ को लेटकर दूध नहीं पिलाना चाहिए, और प्लास्टिक बोतल के इस्तेमाल से भी बचना चाहिए।”कार्यक्रम के अंत में चिकित्सकों ने आमजन से अपील की कि वे स्तनपान को प्रोत्साहित करें और नवजात शिशुओं को इस प्राकृतिक आहार से वंचित न रखें।