झारखंड में आयुष्मान भारत योजना संकट में, अस्पतालों ने दी चेतावनी – भुगतान नहीं तो सेवा बंद

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Jamshedpur : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजना आयुष्मान भारत का झारखंड में बुरा हाल होता जा रहा है। राज्य के कई अस्पतालों ने इस योजना के तहत इलाज बंद कर दिया है, तो कई अस्पतालों पर भ्रष्टाचार और फर्जीवाड़े के आरोपों की जांच चल रही है।



जानकारी के मुताबिक, आयुष्मान भारत योजना के तहत बीमित मरीजों का इलाज करने वाले अस्पतालों को पिछले तीन महीनों से भुगतान नहीं किया गया है। चौंकाने वाली बात यह है कि जिन अस्पतालों को जांच के बाद क्लीन चिट मिल चुकी है, उनका भी भुगतान अब तक अटका हुआ है।



इससे अस्पतालों की वित्तीय स्थिति पर गहरा असर पड़ा है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) की जमशेदपुर इकाई और हॉस्पिटल बोर्ड ऑफ इंडिया ने शुक्रवार को एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सरकार से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि जल्द ही बकाया भुगतान नहीं किया गया, तो वे योजना के तहत मरीजों का इलाज बंद करने जैसे बड़े कदम उठाने को मजबूर होंगे।



राज्यभर में करीब 450 अस्पताल आयुष्मान योजना के तहत मरीजों का इलाज कर रहे हैं। हाल ही में हुई जांच में 212 अस्पतालों में अनियमितताएं पाई गईं, जबकि 76 अस्पतालों को क्लीन चिट दी गई है। बावजूद इसके, इन अस्पतालों को भुगतान नहीं मिला है। इससे अस्पतालों का संचालन करना मुश्किल होता जा रहा है।



IMA और हॉस्पिटल बोर्ड का कहना है कि सरकार की उदासीनता न केवल अस्पतालों की आर्थिक सेहत को प्रभावित कर रही है, बल्कि गरीब मरीजों के लिए जीवन रक्षक सेवाओं पर भी संकट खड़ा कर रही है। अब देखना यह होगा कि क्या राज्य सरकार और स्वास्थ्य मंत्रालय इस गंभीर मुद्दे को प्राथमिकता देते हुए समाधान निकालते हैं, या फिर झारखंड में आयुष्मान भारत योजना पूरी तरह से दम तोड़ती नजर आएगी।

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