भोगनाडीह में शहीद वंशजों पर लाठीचार्ज के विरोध में आदिवासी सुरक्षा परिषद का जोरदार प्रदर्शन

SHARE:

Jamshedpur : साहिबगंज जिले के भोगनाडीह स्थित संथाल विद्रोह स्थल पर सिद्धू-कान्हू के वंशजों पर पुलिस द्वारा किए गए लाठीचार्ज के विरोध में आज आदिवासी सुरक्षा परिषद के नेतृत्व में जमशेदपुर के उपायुक्त कार्यालय के समक्ष जोरदार विरोध प्रदर्शन हुआ। सैकड़ों आदिवासियों की उपस्थिति में प्रदर्शनकारियों ने प्रशासन पर संविधान और पेसा कानून के उल्लंघन का आरोप लगाया और पीड़ितों को न्याय दिलाने की मांग की।

प्रदर्शन का नेतृत्व आदिवासी सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष रमेश हांसदा ने किया। उन्होंने कहा कि भोगनाडीह शहीद स्थल, जो 1855 के संथाल हूल विद्रोह की ऐतिहासिक धरती है, वहाँ 29 जून को शहीदों के वंशजों द्वारा पूर्व निर्धारित श्रद्धांजलि और विचार गोष्ठी कार्यक्रम आयोजित किया जाना था। ग्रामसभा से स्वीकृति प्राप्त होने के बावजूद प्रशासन ने अनुमति नहीं दी, और जब शहीदों के वंशज श्रद्धांजलि देने पहुंचे, तो उन पर लाठीचार्ज किया गया।

रमेश हांसदा का ने कहा कि यह न केवल वीर शहीदों की विरासत का अपमान है, बल्कि संविधान, लोकतंत्र और आदिवासी अस्मिता पर सीधा हमला है। पांचवीं अनुसूची और पेसा कानून के तहत ग्रामसभा सर्वोच्च है, लेकिन प्रशासन ने उसकी भी अवहेलना की। उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि जब अन्य जिलों में शहीद दिवस कार्यक्रम प्रशासनिक सहयोग से होते हैं, तो भोगनाडीह जैसे संवेदनशील ऐतिहासिक स्थल पर प्रशासन ने ऐसा रवैया क्यों अपनाया?

राम सिंह मुंडा, आदिवासी सुरक्षा परिषद के महानगर अध्यक्ष ने कहा कि यह कार्रवाई झारखंड सरकार के राजनीतिक इशारे पर हुई है। उन्होंने घायल आदिवासियों के समुचित इलाज और पीड़ितों को मुआवजा देने की मांग की।


राज्यपाल को सौंपे गए ज्ञापन में उठाई गईं प्रमुख मांगें:

1. भोगनाडीह में शहीद वंशजों पर लाठीचार्ज की घटना की निष्पक्ष उच्चस्तरीय जांच हो।


2. दोषी प्रशासनिक अधिकारियों को तत्काल बर्खास्त किया जाए।


3. शहीद परिवारों को मानवाधिकार संरक्षण और न्याय मिले।


4. भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों, इसके लिए स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए जाएं।

मौके पर मुख्य रूप से रमेश बास्के (जिला अध्यक्ष, एसटी मोर्चा), राम सिंह मुंडा (महानगर अध्यक्ष, आदिवासी सुरक्षा परिषद), काजू सांडील (भाजपा नेता), मनमोहन हांसदा, मार्शल हांसदा, दीपक सुंडी, विनोद ओमंग, सलिल महतो, प्रकाश सांडील, अर्जुन किस्कू, दसमत मुर्मू, सूरज हेंब्रम, गणेश मुंडा, संजय सरदार, सहित कई अन्य आदिवासी युवा और सामाजिक कार्यकर्ता बड़ी संख्या में उपस्थित थे।

Leave a Comment