Jamshedpur: जमशेदपुर की 86 से अधिक बस्तियों के लाखों वासियों को मालिकाना हक दिलाने की दिशा में राजनीतिक हलचल एक बार फिर तेज़ हो गई है। इसी क्रम में जमशेदपुर पूर्वी की विधायक पूर्णिमा साहू ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखकर बस्तीवासियों को भूमि पर पूर्ण मालिकाना हक देने की मांग की है। उन्होंने इसे “जनहित से जुड़ा अत्यंत संवेदनशील और गंभीर मुद्दा” बताते हुए शीघ्र निर्णय लेने का आग्रह किया है।
विधायक साहू ने अपने पत्र में कहा है कि जमशेदपुर की इन बस्तियों में दशकों से लोग रह रहे हैं और लंबे समय से वे अपने आवासीय भूमि पर स्वामित्व का अधिकार मांग रहे हैं, ताकि उनका जीवन “सुरक्षित, सम्मानजनक और स्थिर” बन सके। उन्होंने याद दिलाया कि वर्ष 2005 में टाटा लीज नवीकरण के दौरान राज्य सरकार ने लगभग 1800 एकड़ भूमि इन 86 बस्तियों के लिए सुरक्षित रखी थी।
बाद में वर्ष 2018 में तत्कालीन एनडीए सरकार ने बस्तीवासियों को 10-10 डिसमिल भूमि आवासीय उद्देश्य से लीज बंदोबस्ती की नीति लागू कर ऐतिहासिक कदम उठाया था।
विधायक साहू ने यह भी उल्लेख किया कि झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) और कांग्रेस पार्टी ने विधानसभा चुनाव 2019 में अपने घोषणापत्र में बस्तीवासियों को मालिकाना हक देने का वादा किया था। उन्होंने कहा कि नवंबर 2024 में जमशेदपुर में आयोजित एक सभा में कल्पना सोरेन ने भी घोषणा की थी कि झामुमो सरकार बनने पर बिरसानगर सहित सभी बस्तियों को मालिकाना हक दिया जाएगा।
पूर्णिमा साहू ने मुख्यमंत्री को भेजे अपने पत्र के साथ उन सभी वादों से जुड़ी समाचारपत्रों की कटिंग्स भी संलग्न की हैं। उन्होंने कहा —
“वर्तमान में झामुमो नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार सत्ता में है, इसलिए यह उपयुक्त समय है कि चुनावी वादों को पूरा करते हुए बस्तीवासियों को उनका अधिकार दिया जाए।”
उन्होंने याद दिलाया कि इस विषय पर उन्होंने विधानसभा के बजट सत्र 2025 में भी ध्यानाकर्षण प्रस्ताव प्रस्तुत किया था, लेकिन सरकार की ओर से कोई ठोस जवाब नहीं मिला।
विधायक ने कहा कि अगर बस्तीवासियों को मालिकाना हक मिल जाता है, तो उनकी सामाजिक, शैक्षणिक और आर्थिक स्थिति में अभूतपूर्व सुधार होगा और उनका जीवन “सुरक्षित और सम्मानजनक” बन सकेगा।