रांची/जमशेदपुर, 14 सितम्बर 2025: झारखंड सरकार ने आवासीय उपभोक्ताओं के जल संयोजन शुल्क में राहत देने का बड़ा निर्णय लिया है। अब ग़रीबी रेखा से नीचे रहने वाले परिवारों के लिए जल संयोजन मुफ्त किया जाएगा। इस निर्णय से राज्य के कई गरीब परिवारों को जल सुविधा में राहत मिलेगी।
यह निर्णय विधानसभा की प्रत्यायुक्त विधान समिति के सभापति सरयू राय के मार्गदर्शन में लिया गया। समिति ने राज्य सरकार के नगर विकास विभाग द्वारा पत्रांक 3427, दिनांक 31 दिसंबर 2020 के परिपत्र का अध्ययन करते हुए चार बैठकें कीं। समिति ने विभिन्न राज्यों के जल संयोजन शुल्क का तुलनात्मक अध्ययन किया और पाया कि झारखंड में शुल्क अन्य राज्यों की तुलना में अधिक है।
झारखंड में वर्तमान में 1,000 वर्गफीट क्षेत्रफल वाले मकान के लिए ₹7,000, 2,000 वर्गफीट के लिए ₹14,000 और 3,000 वर्गफीट के लिए ₹21,000 जल संयोजन शुल्क लिया जाता था। इसके बाद समिति ने सरयू राय के निर्देश पर नगर विकास विभाग को संशोधन के लिए कहा।
नगर विकास विभाग ने नए निर्णय के तहत तय किया कि:
- 1,000 वर्गफीट क्षेत्रफल वाले मकान के लिए जल संयोजन शुल्क ₹5,000 होगा।
- इसके ऊपर के क्षेत्रफल वाले मकानों के लिए शुल्क ₹7,000 ही अधिकतम रहेगा।
इसके साथ ही ग़रीबी रेखा से नीचे रहने वाले परिवारों के लिए जल संयोजन पूरी तरह मुफ्त किया जाएगा। ग़रीबी रेखा की परिभाषा मुख्यमंत्री गंभीर बीमारी उपचार योजना में निर्धारित की गई परिभाषा के अनुसार लागू होगी।
समिति ने इस निर्णय को अपने प्रतिवेदन में शामिल करते हुए गत 25 अगस्त 2025 को सदन पटल पर प्रस्तुत किया। इसके बाद नगर विकास विभाग को निर्देश दिया गया कि 25 दिनों के भीतर इसकी विधिवत अधिसूचना जारी की जाए, ताकि राज्य के सभी संबंधित विभागों और संस्थाओं में इसे लागू किया जा सके।यह पहल राज्य के गरीब परिवारों के लिए बड़ी राहत और सुविधा साबित होगी, जिससे उन्हें न केवल आर्थिक बोझ से मुक्ति मिलेगी बल्कि पेयजल सुविधा में समानता और पहुँच सुनिश्चित होगी।
सरयू राय ने कहा, “इस निर्णय से झारखंड के गरीब और आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को सीधे लाभ मिलेगा। हमारी प्राथमिकता है कि सभी नागरिकों तक जल सुविधा बिना किसी बाधा के पहुंचे।”