RKFL द्वारा अधिग्रहण के बावजूद नहीं मिली पुनर्नियुक्ति, मजदूरों ने दी उग्र आंदोलन की चेतावनी
आदित्यपुर (सरायकेला), 18 जुलाई 2025।
आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र फेज-2 में स्थित JMT ऑटो लिमिटेड प्लांट के पुराने कर्मचारियों ने शुक्रवार को एक बार फिर कंपनी गेट के समक्ष प्रदर्शन कर बकाया वेतन भुगतान और पुनर्नियुक्ति की मांग को लेकर आवाज़ बुलंद की। प्रदर्शनकारी कर्मचारियों का आरोप है कि प्लांट के नए स्वामित्वधारी — रामकृष्ण कास्टिंग सॉल्यूशंस लिमिटेड (RKFL) ने अधिग्रहण के समय नौकरी वापस देने का वादा किया था, लेकिन वर्षों बीतने के बावजूद आज तक न ही फाइनल सेटलमेंट हुआ है और न ही पुनः नौकरी पर रखा गया।
प्रदर्शनकारियों का आरोप: वादा तो किया, पर निभाया नहीं
कर्मचारियों का कहना है कि जब JMT ऑटो बंद हुआ था और RKFL द्वारा इसका अधिग्रहण किया गया, तब प्रबंधन ने स्पष्ट रूप से भरोसा दिलाया था कि पुराने कर्मचारियों को प्राथमिकता के आधार पर फिर से काम पर रखा जाएगा। लेकिन:
- अब तक कोई नियुक्ति प्रक्रिया शुरू नहीं हुई है
- फाइनल सेटलमेंट और बकाया वेतन भी लंबित है
- कर्मचारियों को भविष्य की सुरक्षा को लेकर भारी असमंजस है
कई कर्मचारियों ने बताया कि वे बीते कई वर्षों से बेरोजगार हैं और आर्थिक तंगी के दौर से गुजर रहे हैं।
पूर्व में भी हो चुके हैं प्रदर्शन, अब धैर्य की सीमा खत्म
यह कोई पहला मौका नहीं है जब इन कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर आंदोलन किया हो। इससे पूर्व भी JMT प्रबंधन और RKFL के खिलाफ विरोध प्रदर्शन एवं ज्ञापन सौंपे जा चुके हैं। लेकिन अब तक कोई ठोस जवाब या समाधान नहीं मिला है।
प्रदर्शन कर रहे एक श्रमिक ने कहा:
“हमारे साथ दोहरा अन्याय हुआ है। एक ओर नौकरी गई और दूसरी ओर वादों की आड़ में हमें गुमराह किया गया। अगर हमारी मांगे पूरी नहीं होती हैं, तो अबकी बार आर-पार की लड़ाई होगी।”
प्रबंधन की चुप्पी बनी चिंता का कारण
जहां एक ओर श्रमिक लगातार अपने अधिकारों के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर कंपनी प्रबंधन की चुप्पी पूरे मामले को और भी जटिल बना रही है। न तो कोई सार्वजनिक बयान आया है, न ही कोई लिखित आश्वासन। इस रवैये से मजदूरों में और भी ज्यादा नाराजगी और असंतोषउत्पन्न हो रहा है।
मजदूरों ने दी चेतावनी — नहीं मानी मांग तो होगा उग्र आंदोलन
प्रदर्शनकारियों ने एक सुर में कहा कि अगर:
- बकाया वेतन का तत्काल भुगतान
- पुनः नौकरी में बहाली
- अंतिम सेटलमेंट
जैसी मांगों पर जल्द निर्णय नहीं लिया गया, तो वे मजबूरन अवरोध, धरना और भूख हड़ताल जैसे उग्र कदम उठाएंगे। उन्होंने प्रशासन और श्रम विभाग से भी हस्तक्षेप की मांग की है ताकि न्याय मिल सके।