साहिबगंज महाविद्यालय साहिबगंज में आयोजित हुआ हूलदिवस पर कार्यक्रम

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साहिबगंज महाविद्यालय के बी.एड भवन में हूल दिवस के अवसर पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जहां जल, जंगल जमीन और अस्मिता की रक्षा के लिए अंग्रेजों के खिलाफ 30 जून 1855 को सिदो कान्हो ,चादं भैरव एवं फुलो झानो भाई बहनों के नेतृत्व में हजारों की संख्या में जो सशक्त विद्रोह किया गया था उसकी याद में पूरे राज्य में कार्यक्रम आयोजित किया जाता है। उसी कड़ी में साहिबगंज महाविद्यालय में भी कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस मौके पर महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. प्रोफेसर सैय्द रजा इमाम रिजबी की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम में सर्वप्रथम विचार बीएड विभाग के प्राध्यापक डॉ. जयशंकर सिंह ने रखा। वही इतिहास विभाग के प्राध्यापक डॉ. दिनेश कुमार यादव ने कहा की संपूर्ण समाज में अन्याय के खिलाफ यह विद्रोह था जहां विद्रोह केवल अंग्रेजों के खिलाफ नहीं बल्कि साहूकार, जमींदार अन्यायों के खिलाफ भी थी। वही उन्होंने शहीद स्थल भोगनाडीह से दुमका तक रेल परिचालन की मांग की जिसका सभागार में उपस्थित सभी शिक्षकों ने समर्थन किया तथा इस मांग को सरकार तक पहुंचाने के लिए कृत संकल्पना जाहिर की। उधर राजनीति विज्ञान विभाग के छात्र सचिन कुमार एवं छात्रा शिफा नाज ने हूल दिवस पर अपने विचार व्यक्त किए। वही वक्ताओं में राजनीति विज्ञान विभाग के प्राध्यापक प्रो. कसिमुदीन अंसारी ने अपने विचार प्रस्तुति में कहा कि सिपाही विद्रोह से पहले हुआ संथाल विद्रोह सशक्त विद्रोह था जिसमें विद्रोहियों ने साहस का परिचय देते हुए अंग्रेजों की नींव हिला दी थी। वही अंग्रेजी विभाग के विभाग अध्यक्ष प्रो. मरियम हेम्बर्म ने भाषण में कहा कि हमारे पूर्वजों ने जो चेतना का अलख जगाया है उसकी दीप्ति सदा सदा जलनी चाहिए। वही फूलों झानो की प्रतिमा हर महाविद्यालय विद्यालय में अधिष्टतापित हो ऐसा हमें प्रयास करना चाहिए जिससे भावी पीढ़ी इनकी वीर गाथा के बारे में जान सके। उधर राजनीति विज्ञान विभाग की प्रो. प्रोफेसर क्रिस्टीना देवगन ने कहा कि वीरों की वीरता केवल किताबों तक सीमित रह गई है जिसे छात्रों को आत्मसात करने की आवश्यकता है। वही अपने अध्यक्षीय भाषण में प्राचार्य महोदय ने कहा कि शहीद हमेशा हमेशा हमारे जेहन में जीवित रहते हैं संथाल विद्रोह में हजारों लोग शहीद हुए थे उनकी शहादत का परिणाम है कि हम खुली हवा में सांस ले रहे हैं। वही कार्यक्रम के अंत में राजनीति विज्ञान विभाग के विभाग अध्यक्ष डॉ. राजीव कुमार ने धन्यवाद ज्ञापित करते हुए इस बात पर बल दिया कि अपने क्षेत्रीय नायकों को उचित सम्मान देना ही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी यह विडंबना है कि झारखंड के नायकों को इतिहासकारों ने अपनी किताब में वह स्थान नहीं दिया है जिसके भी हकदार हैं। इस कार्यक्रम में मंच संचालन राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम पदाधिकारी प्रो. कुमार प्रशांत भारती ने किया। जहां राष्ट्रगान के साथ इस कार्यक्रम की समाप्ति हुई। इस कार्यक्रम में महाविद्यालय के विभिन्न विभागों के विभाग अध्यक्ष एवं प्राधयापको साथ साथ छात्रा छात्राओं ने हिस्सेदारी की। वही मंच पर रसायन शास्त्र विभाग के विभाग अध्यक्ष डॉ. अनिल कुमार, परीक्षा नियंत्रक प्रो. पौधों सोरेन, मनोविज्ञान विभाग के प्राध्यापक डॉ. श्रीराम सिंह मुंडा की महनीय उपस्थिति थी।

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