Jamshedpur : एक तरफ देश के प्रधानमंत्री “स्वच्छ भारत मिशन” को जन आंदोलन बनाने की बात कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर जमशेदपुर में शिक्षा विभाग का ही एक प्रमुख कार्यालय इस अभियान को धत्ता बता रहा है।
जमशेदपुर के जिला शिक्षा पदाधिकारी (DSE) कार्यालय परिसर के ठीक पीछे गंदगी का अंबार जमा हो चुका है। कूड़े-कचरे, सड़ी-गली सामग्री और अनियमित सफाई के कारण यह इलाका दुर्गंधयुक्त हो चुका है, जो न केवल कर्मचारियों और आगंतुकों के लिए असुविधाजनक है, बल्कि बीमारियों को भी खुली दावत दे रहा है।
सबसे चिंताजनक पहलू यह है कि यह बदहाल स्थिति किसी साधारण स्थान की नहीं, बल्कि शिक्षा जैसे संवेदनशील विभाग के सरकारी कार्यालय की है, जहां प्रतिदिन शिक्षक, विद्यार्थी, अभिभावक और कर्मचारी बड़ी संख्या में पहुंचते हैं।
विरोधाभास यही है कि जिस सरकारी तंत्र को स्वच्छता के संदेश को समाज तक पहुँचाने की ज़िम्मेदारी दी गई है, उसी के जिम्मेदार दफ्तर में इस तरह की अनदेखी हो रही है।
स्वच्छ भारत मिशन और राज्य सरकार के सफाई अभियानों को इस दृश्य से करारा झटका लगता है, और यह सवाल उठाता है कि क्या इन अभियानों का असर फाइलों से बाहर कभी निकलेगा?
अब ज़रूरत है त्वरित कार्रवाई की, जिससे शिक्षा विभाग का यह कार्यालय स्वच्छता का उदाहरण बने, न कि उपेक्षा का प्रतीक।
