वन विभाग की धमकी से बोड़ाम के ग्रामीण सहमे, आंदोलनकारी आस्तिक महतो बोले – नहीं टूटने देंगे घर

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पटमदा, झारखंड:
बोड़ाम प्रखंड अंतर्गत दलमा क्षेत्र की तराई में बसे ग्रामीण इन दिनों वन विभाग की कार्रवाई की आशंका से भयभीत हैं। अतिक्रमण के नाम पर वन विभाग द्वारा मकान खाली करने की मौखिक धमकी और नोटिस जारी करने से ग्रामीणों में असुरक्षा की भावना गहराती जा रही है।

सोमवार को बोंटा पंचायत पहुंचे झारखंड आंदोलनकारी एवं समाजसेवी आस्तिक महतो ने ग्रामीणों की समस्याएं सुनी और उन्हें आश्वासन दिया कि किसी भी कीमत पर उनके मकानों को नहीं टूटने दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र वर्षों से निवासरत आदिवासियों और स्थानीय ग्रामीणों का है, जो पीढ़ी दर पीढ़ी यहीं रहते आए हैं।

महतो ने कहा, “जल, जंगल, जमीन हमारा है। कभी डिमना लेक तो कभी स्वर्णरेखा परियोजना के नाम पर हमें उजाड़ा गया, लेकिन आज तक न मुआवजा मिला, न ही पुनर्वास। अब जब हम शांति से जीवन बिता रहे हैं, तो वन विभाग हमें फिर से उजाड़ने की कोशिश कर रहा है। यह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”

उन्होंने चेतावनी दी कि अगर वन विभाग ने ग्रामीणों के धैर्य की परीक्षा ली, तो लोग सड़क पर उतरकर उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होंगे। साथ ही उन्होंने कहा कि इस मुद्दे को लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से भी मुलाकात की जाएगी।

बैठक में उपस्थित प्रमुख लोग:
पूर्व जिला पार्षद स्वपन कुमार महतो, पूर्व मुखिया हरि प्रसाद किस्कू, उप मुखिया विनोद सिंह, भोला मार्डी, लवकिशोर हांसदा, कार्तिक हांसदा, लम्बोदर हांसदा, महानंद महतो, सदानंद महतो, लुलु बहादुर, उमेश चंद्र महतो सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे।




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