Prayagraj KumbhMela :महाकुंभ 2025 में मौनी अमावस्या के पावन स्नान से पहले हुई भगदड़ ने श्रद्धालुओं और प्रशासन को झकझोर कर रख दिया है। इस हादसे में 17 श्रद्धालुओं की मौत हो गई, जबकि कई अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। घटना के बाद प्रशासन की तैयारियों पर सवाल उठने लगे हैं।
कैसे मची भगदड़?
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, प्रशासनिक लापरवाही इस हादसे की सबसे बड़ी वजह बनी। संगम तट तक पहुंचने और लौटने के लिए सिर्फ एक ही रास्ता था, जिससे हजारों लोगों की भीड़ को नियंत्रित करना मुश्किल हो गया।
एक श्रद्धालु ने बताया,
“भीड़ लगातार बढ़ रही थी, लेकिन प्रशासन ने कोई वैकल्पिक रास्ता नहीं खोला। घबराहट में लोग इधर-उधर भागने लगे, जिससे भगदड़ मच गई और कई लोगों की जान चली गई।”
क्या भगदड़ के पीछे कोई साजिश थी?
कुछ श्रद्धालु इस हादसे को महज एक दुर्घटना नहीं, बल्कि गहरी साजिश मान रहे हैं। कुशीनगर की एक महिला श्रद्धालु ने बताया कि जब वे स्नान के लिए संगम जा रही थीं, तभी करीब 10 युवक बैरिकेडिंग कूदकर महिलाओं से धक्का-मुक्की करने लगे। इससे भगदड़ जैसे हालात बन गए।
उन्होंने आगे कहा,
“हमारे साथ 20 लोग आए थे, लेकिन दो लोग लापता हैं। उनका अब तक कोई पता नहीं चल सका है।”
प्रशासन पर उठे सवाल
घटना के समय पुलिस और सुरक्षा बलों की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं। कई प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि जब हालात बिगड़ने लगे, तो पुलिस ने बैरिकेडिंग छोड़ दी, जिससे लोग इधर-उधर भागने लगे और भगदड़ मच गई।
राजनीतिक घमासान: विपक्ष ने सरकार को घेरा
इस हादसे के बाद विपक्ष ने योगी सरकार की तैयारियों पर सवाल उठाए हैं। कांग्रेस समेत अन्य दलों ने इस हादसे को प्रशासनिक विफलता करार देते हुए उच्चस्तरीय जांच की मांग की है।
हालांकि, प्रशासन का कहना है कि स्थिति अब नियंत्रण में है, लेकिन श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर कई गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।