


मुंबई, 30 अप्रैल 2025:
जलवायु परिवर्तन के प्रति अपनी सशक्त और दूरदर्शी प्रतिबद्धता को एक बार फिर साबित करते हुए टाटा स्टील ने ऊर्जा, खनन और भारी विनिर्माण श्रेणी में भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) द्वारा प्रस्तुत क्लाइमेट एक्शन प्रोग्राम (CAP) 2.0° रेज़िलिएंट अवार्ड को लगातार तीसरी बार जीतकर एक नई उपलब्धि दर्ज की है।
यह पुरस्कार CII सेंटर फॉर एक्सीलेंस फॉर सस्टेनेबल डेवलपमेंट (CESD) द्वारा उन संगठनों को प्रदान किया जाता है जो जलवायु परिवर्तन से जुड़ी चुनौतियों का न केवल मुकाबला कर रहे हैं बल्कि सतत विकास की दिशा में अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं। CAP 2.0° एक ऐसा प्लेटफ़ॉर्म है जो कंपनियों को जलवायु संबंधी जोखिमों और अवसरों का मूल्यांकन करने, रणनीतिक समाधान अपनाने और दीर्घकालिक पर्यावरणीय स्थिरता सुनिश्चित करने में सहयोग करता है।
नेट-ज़ीरो का लक्ष्य और वैश्विक प्रतिबद्धता
टाटा स्टील ने 2045 तक नेट-ज़ीरो कार्बन उत्सर्जन प्राप्त करने का संकल्प लिया है और यह भारत की उन अग्रणी कंपनियों में से एक है जिन्होंने Task Force on Climate-related Financial Disclosures (TCFD) की सिफारिशों को अपनाया है। कंपनी वर्षों से CDP और Dow Jones Sustainability Index (DJSI) जैसे वैश्विक प्लेटफार्मों पर जलवायु से जुड़ी पारदर्शिता और रिपोर्टिंग को सुनिश्चित करती रही है।
राजीव मंगल, वाइस प्रेसिडेंट – सेफ्टी, हेल्थ एंड सस्टेनेबिलिटी, टाटा स्टील ने इस अवसर पर कहा,
“जलवायु परिवर्तन से निपटना केवल हमारी जिम्मेदारी नहीं, बल्कि एक बेहतर और स्थायी भविष्य की दिशा में कदम है। लगातार तीसरे वर्ष यह प्रतिष्ठित सम्मान पाकर हमें गर्व है और हम अपनी प्रतिबद्धता पर अडिग रहकर सकारात्मक प्रभाव पैदा करने के लिए निरंतर प्रयास करते रहेंगे।”
अन्य वैश्विक उपलब्धियां भी शामिल
इस वर्ष की शुरुआत में टाटा स्टील को World Steel Association (worldsteel) द्वारा लगातार आठवीं बार “स्टील सस्टेनेबिलिटी चैंपियन 2025” के खिताब से नवाजा गया था। साथ ही, कंपनी वर्ल्डस्टील के क्लाइमेट एक्शन प्रोग्राम की संस्थापक सदस्य भी रही है और इसे नियमित रूप से “क्लाइमेट एक्शन में अग्रणी” की मान्यता मिलती रही है।
CII CAP 2.0° का महत्व
CAP 2.0° अवार्ड्स उन कंपनियों को प्रोत्साहित करते हैं जो जलवायु अनुकूल प्रथाओं को अपनाकर पर्यावरणीय लचीलापन और दीर्घकालिक स्थिरता की दिशा में अग्रसर होती हैं। यह न केवल व्यावसायिक उत्कृष्टता को दर्शाता है, बल्कि भारत के राष्ट्रीय जलवायु लक्ष्यों में महत्वपूर्ण योगदान का भी प्रतीक है।