झारखंड सरकार के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री और झामुमो नेता हफीजुल हसन अंसारी द्वारा “शरीयत संविधान से ऊपर है” कहने पर सियासी तूफान खड़ा हो गया है। भारतीय जनता पार्टी ने इस बयान को संविधान का सीधा अपमान करार देते हुए जमशेदपुर में विराट आक्रोश मार्च निकाला और राज्यपाल से मंत्री को बर्खास्त करने की मांग की।।


जमशेदपुर में हजारों कार्यकर्ताओं ने किया प्रदर्शन

जमशेदपुर महानगर भाजपा अध्यक्ष सुधांशु ओझा के नेतृत्व में सोमवार को आक्रोश मार्च का आयोजन किया गया, जिसमें सांसद विद्युत वरण महतो, विधायक पूर्णिमा साहू, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ. दिनेशानंद गोस्वामी सहित कई नेता शामिल हुए।
मार्च साकची भाजपा कार्यालय से शुरू होकर जुबिली पार्क गोलचक्कर होते हुए उपायुक्त कार्यालय तक पहुंचा।
हजारों कार्यकर्ताओं ने ‘संविधान का अपमान नहीं सहेगा हिंदुस्तान’, ‘हफीजुल हटाओ – संविधान बचाओ’ जैसे नारे लगाए।



भाजपा नेताओं का तीखा हमला: “शपथ लेकर कर रहे हैं संविधान का अपमान”

सांसद विद्युत महतो ने कहा कि जब कोई मंत्री संविधान की शपथ लेकर सत्ता में आता है, फिर भी शरीयत को ऊपर बताता है, तो यह केवल शपथ का उल्लंघन नहीं, बल्कि लोकतंत्र पर हमला है। उन्होंने कहा कि झारखंड सरकार धार्मिक उन्माद को बढ़ावा दे रही है, जिससे राज्य में हिंसा और उपद्रव बढ़े हैं।

पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ. दिनेशानंद गोस्वामी ने कहा कि यह सरकार तुष्टीकरण और वोटबैंक की राजनीति कर रही है। हफीजुल हसन का बयान संविधान निर्माता डॉ. आंबेडकर की आत्मा का अपमान है। उन्होंने पूछा – बांग्लादेशी घुसपैठ, मुर्शिदाबाद हिंसा पर मंत्री चुप क्यों रहते हैं?



पूर्णिमा साहू ने उठाए सवाल – “आपने संविधान की शपथ ली थी या शरीयत की?”

विधायक पूर्णिमा साहू ने सवाल उठाया कि जब मंत्री ने संविधान की शपथ ली है, तो फिर शरीयत को ऊंचा बताने का क्या मतलब? उन्होंने मंत्री के ‘मुसलमान सब्र में है, कब्र में नहीं’ बयान को राज्य की शांति और सामाजिक सौहार्द पर हमला बताया।



अमरप्रीत सिंह काले का तंज – “हफीजुल हसन का बयान लोकतंत्र पर हमला”

भाजपा प्रवक्ता अमरप्रीत सिंह काले ने कहा कि शरीयत को संविधान से ऊपर बताना, भारत के लोकतांत्रिक ढांचे पर हमला है। उन्होंने कहा कि यह बयान बाबा साहेब के समर्पण और बलिदान का अपमान है और झामुमो-कांग्रेस सरकार संवैधानिक दायित्वों के बजाय वोट बैंक से प्रेरित होकर काम कर रही है।



भाजपा की राज्यपाल से मांग – “मंत्री को बर्खास्त करें”

आक्रोश मार्च के समापन पर भाजपा प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा और हफीजुल हसन को तत्काल बर्खास्त करने की मांग की।
सुधांशु ओझा ने कहा कि जो लोग शरीयत के आधार पर देश चलाना चाहते हैं, उन्हें मंत्री पद छोड़ना चाहिए।

भारी संख्या में भाजपा कार्यकर्ता रहे मौजूद

मार्च में सैकड़ों नेताओं व कार्यकर्ताओं ने भाग लिया, जिनमें प्रमुख नाम रहे: देवेंद्र सिंह, ब्रह्मदेव नारायण शर्मा, रामबाबू तिवारी, रीता मिश्रा, अनिल मोदी, संजीव सिंह, शशांक शेखर, वंदना ठाकुर, रेनू झा, कुमार अभिषेक, और कई अन्य।

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