
जमशेदपुर, 2 मई — समाहरणालय सभागार में जिला दण्डाधिकारी सह उपायुक्त अनन्य मित्तल की अध्यक्षता में आकांक्षी प्रखंड मुसाबनी में संचालित योजनाओं की कार्य प्रगति की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में स्वास्थ्य, शिक्षा, पोषण, कृषि, समाज कल्याण एवं बुनियादी संरचना से जुड़े 39 प्रमुख संकेतकों (इंडिकेटर्स) की गहन समीक्षा की गई।
उपायुक्त ने सभी संबंधित विभागों को निर्देशित किया कि वे प्रत्येक इंडिकेटर में गुणात्मक सुधार लाने हेतु ठोस एवं समयबद्ध कार्य योजना बनाएं। उन्होंने कहा कि आकांक्षी प्रखंडों के समग्र विकास के लिए योजनाओं का प्रभावी और सतत क्रियान्वयन अनिवार्य है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता, विद्यालयों में बच्चों की नामांकन एवं उपस्थिति दर, पोषण स्तर में सुधार, किसानों को सरकारी योजनाओं का लाभ और बुनियादी संरचना परियोजनाओं की प्रगति जैसे क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया जाए।
बैठक में विशेष रूप से कम प्रदर्शन वाले संकेतकों की समीक्षा करते हुए उपायुक्त ने निर्देश दिया कि प्रत्येक विभाग एक मॉडल प्रोजेक्ट का चयन करे तथा उसके प्रभावी क्रियान्वयन को प्राथमिकता दे। उन्होंने सीएसआर (CSR) के अंतर्गत कराए जाने वाले कार्यों में आपसी समन्वय बनाए रखने और दोहराव से बचने की आवश्यकता पर बल दिया।

समीक्षा के दौरान यह भी निर्देशित किया गया कि सभी योजनाओं को सेचुरेशन मोड में लागू किया जाए ताकि कोई भी लाभार्थी वंचित न रहे। उपायुक्त ने कहा कि योजनाओं की सफलता के लिए डेटा अपडेटेशन नियमित रूप से किया जाए और फील्ड विजिट को अनिवार्य बनाया जाए।
उन्होंने अधिकारियों से यह भी कहा कि विकास की प्रक्रिया में जनता की भागीदारी सुनिश्चित करना अत्यंत आवश्यक है, विशेष रूप से समाज के हाशिए पर रह गए वर्गों की। उन्होंने कहा, “जन भागीदारी के बिना स्थायी विकास की कल्पना अधूरी है। ज़मीनी स्तर पर निगरानी और स्थानीय समुदाय की भागीदारी ही योजनाओं को सफल बनाएगी।”
बैठक में सिविल सर्जन डॉ साहिर पाल, एसीएमओ डॉ जोगेश्वर प्रसाद, जिला योजना पदाधिकारी मृत्युंजय कुमार, समाज कल्याण पदाधिकारी संध्या रानी, एलडीएम, डीईओ, बीडीओ एवं सीओ मुसाबनी, एमओआईसी, टाटा स्टील फाउंडेशन और मणिपाल टाटा मेडिकल कॉलेज के प्रतिनिधियों सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
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