नौ महीने बाद धरती पर लौटीं सुनीता विलियम्स और उनकी टीम
भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और उनके साथी बुच विलमोर, निक हेग और एलेक नौ महीने के लंबे अंतरिक्ष प्रवास के बाद स्पेसएक्स के ड्रैगन कैप्सूल के जरिए सफलतापूर्वक पृथ्वी पर लौट आए।
इन अंतरिक्ष यात्रियों को पिछले साल जून 2024 में महज आठ दिनों के लिए अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (ISS) पर भेजा गया था। लेकिन बोइंग के स्टारलाइनर यान की तकनीकी खराबी के कारण उनकी वापसी में लंबा विलंब हो गया।
स्पेसएक्स ड्रैगन ने किया सफल स्पलैशडाउन
आख़िरकार, एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स के ड्रैगन कैप्सूल ने फ्लोरिडा तट के पास अटलांटिक महासागर में सफलतापूर्वक स्पलैशडाउन किया।
भारतीय समयानुसार सुबह 3:27 बजे, चारों अंतरिक्ष यात्री समुद्र में सुरक्षित उतरे। दिलचस्प नज़ारा तब देखने को मिला जब कैप्सूल के चारों ओर डॉल्फ़िनों का एक झुंड चक्कर लगाने लगा, मानो वे भी इस ऐतिहासिक वापसी का जश्न मना रहे हों।
कैसे रही वापसी की यात्रा?
अंतरिक्ष यात्रियों को स्पेस स्टेशन से पृथ्वी तक पहुंचने में कुल 17 घंटे लगे। जैसे ही कैप्सूल ने समुद्र की सतह को छुआ, स्पेसएक्स कंट्रोल सेंटर से संदेश आया—
“निक, एलेक, बुच, सुनी… स्पेसएक्स की ओर से घर वापसी पर स्वागत है!”
इस पर कमांडर निक हेग ने उत्साह से जवाब दिया—
“कैप्सूल सभी के चेहरों पर मुस्कान से भरा हुआ है!”
बोइंग स्टारलाइनर की विफलता ने बढ़ाया मिशन का समय
इस मिशन को पहले बोइंग स्टारलाइनर यान से लौटना था, लेकिन तकनीकी दिक्कतों के कारण इसे टाल दिया गया। स्पेसएक्स की ड्रैगन कैप्सूल प्रणाली ने एक बार फिर अपनी विश्वसनीयता साबित की और अंतरिक्ष यात्रियों को सुरक्षित पृथ्वी पर वापस लाने में सफल रही।
अंतरिक्ष यात्रा की दुनिया में एक नया अध्याय
सुनीता विलियम्स और उनकी टीम की अंतरिक्ष से लंबी वापसी ने एक बार फिर दिखाया कि अंतरिक्ष अभियानों में चुनौतियां आम हैं, लेकिन तकनीकी विशेषज्ञता और धैर्य से उनका समाधान निकाला जा सकता है। यह मिशन भविष्य में अंतरिक्ष यान की सुरक्षा और प्रौद्योगिकी विकास के लिए एक महत्वपूर्ण सबक भी साबित होगा।
