Jamshedpur : भारत की पावन भूमि से एक ऐसी प्रेरणादायी गाथा सामने आई है, जो बताती है कि जब मित्रता, अनुशासन और देशभक्ति एक साथ कदम बढ़ाएं, तो असंभव भी संभव हो जाता है। मणिपुर के सैनिक स्कूल इम्फाल में एक साथ पढ़ाई की शुरुआत करने वाले छह मित्रों ने न सिर्फ बचपन की दोस्ती को निभाया, बल्कि उसे राष्ट्रसेवा के पवित्र उद्देश्य से जोड़कर मिसाल कायम की।
सफर की शुरुआत:
वर्ष 2013 में छठी कक्षा से शुरू हुआ यह सफर 2021 में उस समय ऐतिहासिक बन गया, जब सभी छह युवाओं ने एक साथ राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (NDA) की परीक्षा उत्तीर्ण की और आज भारतीय सेना में अधिकारी (लेफ्टिनेंट) के रूप में राष्ट्र की सेवा कर रहे हैं।
ये हैं वे छह गौरवशाली युवा:
लेफ्टिनेंट थोकचोम शिगर्थ
लेफ्टिनेंट एम. डेनिश सिंह
लेफ्टिनेंट नाओटन मैतेई
लेफ्टिनेंट नाओबा
लेफ्टिनेंट मेघनाट सोइबम
लेफ्टिनेंट रोनेंड्रो एंगोम
परिषद का दृष्टिकोण:
अखिल भारतीय पूर्व सैनिक सेवा परिषद, जमशेदपुर ने इस प्रेरणादायक सफलता को देश के युवाओं के लिए एक आदर्श के रूप में प्रस्तुत किया है। परिषद का मानना है कि – अनुशासन, नेतृत्व और राष्ट्रसेवा वे तीन आधार हैं, जिन पर एक मजबूत और सशक्त भारत की नींव रखी जा सकती है।
देश के युवाओं को संदेश:
यदि दृढ़ निश्चय हो, मार्गदर्शन सही हो और साथ में सच्चे मित्र हों, तो कोई भी सपना अधूरा नहीं रहता। यह कहानी केवल व्यक्तिगत उपलब्धियों की नहीं, बल्कि एक सामूहिक विज़न की सफलता है।
परिषद की ओर से प्रेरणास्पद संदेश दिया गया कि यदि स्कूल की दोस्ती को सकारात्मक दिशा मिले, तो वह केवल यादों में नहीं रहती — वह इतिहास रचती है।”