सिंहभूम स्पोर्ट्स एसोसिएशन ने पूरे किए 74 गौरवशाली वर्ष, फुटबॉल में दिलाई जिले को राष्ट्रीय पहचान

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Chaibasha : सिंहभूम जिले की अग्रणी खेल संस्था सिंहभूम स्पोर्ट्स एसोसिएशन (SSA) ने अपने 74 वर्षों के गौरवशाली इतिहास को याद करते हुए सोमवार को अपने कार्यालय में प्रेस वार्ता आयोजित की। इस अवसर पर संयुक्त सचिव नारायण देवगम, कोषाध्यक्ष अनिल लकड़ा, कार्यकारिणी सदस्य अर्जुन बानरा, दाम बानरा और कुलचंद्र कुजूर उपस्थित थे।

प्रेस वार्ता में संगठन की उपलब्धियों और योगदान के साथ-साथ सोशल मीडिया पर लगाए जा रहे आरोपों पर भी स्पष्टीकरण दिया गया।

संयुक्त सचिव नारायण देवगम ने बताया कि कुछ खिलाड़ियों द्वारा संगठन पर मनमानी और भ्रष्टाचार के आरोप लगाए जा रहे हैं, जबकि सच्चाई यह है कि 1951 में स्थापित यह संस्था एक स्वयंसेवी संगठन के रूप में जिले में खेल संस्कृति को बढ़ावा देने का कार्य निरंतर कर रही है।

उन्होंने कहा कि एसोसिएशन ने अपनी यात्रा के दौरान कई पीढ़ियों के खिलाड़ियों को राज्य और राष्ट्रीय स्तर तक पहुँचाया है।

संस्थापक और नेतृत्व का गौरवशाली इतिहास

एसोसिएशन के पहले महासचिव स्व. मदन गोपाल ने 8 वर्षों तक संगठन की मजबूत नींव रखी।
उनके बाद स्व. सीताराम रूंगटा ने 25 वर्षों तक महासचिव के रूप में संस्था को नई ऊँचाइयाँ दीं।
इसके बाद स्व. अशोक जैन ने 20 वर्षों तक और डी.के. बनर्जी ने 3 वर्षों तक संगठन का नेतृत्व किया।
वर्तमान में महासचिव मिथिलेश कुमार ठाकुर के नेतृत्व में संस्था ने फुटबॉल सहित कई खेलों में उल्लेखनीय उपलब्धियाँ हासिल की हैं।

फुटबॉल में नई ऊँचाइयाँ

संस्था के प्रयासों से पश्चिमी सिंहभूम फुटबॉल के क्षेत्र में राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना चुका है।

2008-09: सीनियर अंतर जिला फुटबॉल चैम्पियनशिप में जिले की टीम विजेता रही।

2011-12: झारखंड की अंडर-19 टीम में पंकज पुरती, रघुनाथ हेंब्रम और विमल कुमार का चयन हुआ।

2013-14: रोहित गोप,

2014-15: विकास बालमुचू,

2016-17: झारखंड ओलंपिक एसोसिएशन की प्रतियोगिता में जिले की टीम ने चैम्पियनशिप जीती।


2017 से अब तक, जिले के खिलाड़ी बॉवी तुबीड, नरेंद्र बोयपाई, सोंगरा पुरती, मोटाय देवगम, मानकी पाड़ेया और पूर्णचंद्र तुबिड ने आई लीग, खेलो इंडिया फुटबॉल और अन्य राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में झारखंड का प्रतिनिधित्व कर जिले का नाम रोशन किया है।

संतोष ट्रॉफी में सिंहभूम की चमक

झारखंड टीम के लिए संतोष ट्रॉफी जैसे प्रतिष्ठित टूर्नामेंटों में वीरेंद्र बनरा, सुभाष बाराद, सावन हांसदा, सुभाष देवगम, बादल महाकुड़ और विवेक सिरका जैसे खिलाड़ियों ने नेतृत्व कर जिले की फुटबॉल क्षमता को राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित किया।

नई पीढ़ी को मिल रहा अवसर

हाल ही में टाटा फुटबॉल एकेडमी (TFA) में मानकी पाड़ेया, पूर्णचंद्र तुबिड और मोटाय देवगम का चयन हुआ, जो जिले के लिए गर्व की बात है।
वहीं अमृतसर में आयोजित अंडर-17 जूनियर नेशनल (2025-26) में महीदास बास्के, प्रिंस बिरुवा, मनोज हेंब्रम, मनोरंजन चम्पिया, विजय हेंब्रम, मनसुख राहुल सोय और चंदन मुर्मू ने झारखंड टीम का प्रतिनिधित्व किया।


खेल संस्कृति के विकास के लिए समर्पित संस्था

महासचिव मिथिलेश कुमार ठाकुर ने कहा कि संस्था का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में छिपी प्रतिभाओं को खोजकर उन्हें राज्य और राष्ट्रीय स्तर तक पहुंचाना है।
अब तक छह बार सीनियर अंतर जिला फुटबॉल प्रतियोगिता का सफल आयोजन चाईबासा में किया जा चुका है।

उन्होंने कहा कि आने वाले समय में संस्था फुटबॉल के साथ अन्य खेलों को भी नई दिशा देने का प्रयास करेगी ताकि सिंहभूम जिला झारखंड के खेल नक्शे पर और सशक्त रूप से उभरे।

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