बिष्टुपुर मारवाड़ी मंदिर में सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा का समापन हवन-यज्ञ और पूर्णाहुति के साथ संपन्न

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Jamshedpur : बिष्टुपुर स्थित सत्यनारायण मारवाड़ी मंदिर में चल रही सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा का भव्य समापन मंगलवार को विधिवत हवन यज्ञ एवं पूर्णाहुति के साथ संपन्न हुआ। आचार्यों के वैदिक मंत्रोच्चार के मध्य यजमानों ने यज्ञ में आहुति अर्पित कर क्षेत्र की सुख-शांति और समस्त मानवता के आरोग्य की कामना की।

कार्यक्रम में वृंदावन से पधारे भागवताचार्य श्री मयंक महाराज ने व्यासपीठ से अपने अंतिम दिन के प्रवचन में कहा संसार रूपी भवसागर में यदि कोई नौका है तो वह है भक्ति की। कलियुग में भगवान का नाम स्मरण ही समस्त पापों का हरण करता है और मोक्ष का मार्ग प्रशस्त करता है। उन्होंने आगे कहा कि “भगवान के नाम में असीम शक्ति है। केवल स्मरण मात्र से ही मनुष्य भवबंधन से मुक्त हो सकता है। कार्यक्रम के बाद सैकड़ों श्रद्धालुओं ने महाप्रसाद ग्रहण किया।



कैंसर से बचाव के लिए मयंक महाराज के आयुर्वेदिक व प्राकृतिक सुझाव

भागवत कथा के दौरान श्री मयंक महाराज ने कैंसर जैसे घातक रोगों से बचाव हेतु प्राकृतिक और सात्विक जीवन शैली अपनाने की सलाह दी। कथा स्थल पर उनके द्वारा सुझाए घरेलू नुस्खों का पंपलेट भी वितरित किया गया। उनके अनुसार:

🔹 तुलसी जल का सेवन:
रात में 20 तुलसी पत्ते पानी में भिगोकर रखें, सुबह खाली पेट सेवन करें।
👉 यह शरीर के विषैले तत्वों को नष्ट करता है और प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है।

🔻 त्याज्य (न खाने योग्य) पदार्थ:

1. पकाया हुआ दूध


2. बासी भोजन (ठंडी दाल, चावल, सब्ज़ी)


3. तले हुए खाद्य (पूरी, पकौड़ी, पराठा)


4. मिठाइयाँ (रसगुल्ला, बर्फी आदि)


5. जंक फूड (पिज़्ज़ा, समोसा, बर्गर)


6. कोल्ड कॉफी, आइसक्रीम, फ्रूट शेक



🔺 अनुशंसित क्षारीय एवं सात्विक आहार:

1. गाय का कच्चा दूध


2. नींबू पानी (बिना नमक व चीनी)


3. जौ का दलिया, सत्तू, छाछ


4. अंकुरित अनाज, सलाद, गरम रोटी


5. ताजा हरी सब्जियों और फलों का रस


6. पंचामृत, भूना हुआ पोहा, खीर

इस सात दिवसीय आध्यात्मिक अनुष्ठान को सफल बनाने में श्री श्याम भटली परिवार जमशेदपुर और भयली महिला मंडल सोनारी की महत्वपूर्ण भूमिका रही। साथ ही गगन रुस्तगी, ललित डांगा, महावीर अग्रवाल, प्रवीण भालोटिया, मनीष सिंघानिया, बंटी चांगिल, अनिल चौधरी समेत कविता अग्रवाल, पायल रुस्तगी, मंजू अग्रवाल, सुमन अग्रवाल, व बिष्टुपुर सत्यनारायण मारवाड़ी मंदिर कमिटी का समर्पण सराहनीय रहा।

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