दनवार गांव के लोग सड़क समस्या को लेकर हो रहे परेशान, नहीं हैं अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों को तनिक भी चिंता

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बोरियो: प्रखंड मुख्यालय बोरियो से महज तीन किलोमीटर दूर बीचपुरा पंचायत के दनवार गांव के आदिम जनजाति पहाड़िया समुदाय के लोग आज भी सड़क की समस्या को लेकर परेशान हैं। खान इस गांव में सदियों से पक्की सड़क नहीं बन पाई है जहां आज भी यहां के स्थानीय लोग कच्ची सड़क यानि पगडंडी के सहारे आवागमन करते हैं। वही बोरियो गोड्डा मुख्य मार्ग से लगभग दो किलोमीटर दूर दनवार गांव में करीबन 30 परिवारों का आशियाना है लेकिन इस गांव को जाने वाली सड़क को राज्य में बने किसी भी सरकार या स्थानीय प्रशासन ने पक्की नहीं करवाई है। वही हालात यह है कि बारिश के मौसम में मिट्टी मोरम की सड़क कीचड़ में तब्दील हो चुकी है। उधर स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि हर वर्ष बरसात के समय इस गांव की ओर आने वाली सड़क कीचड़ में तब्दील हो जाती है जिस कारण बाजार आने जाने, बच्चों को स्कूल भेजने व अन्य जरूरी कार्यों के लिए काफ़ी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। वही बता दें कि पहाड़िया समुदाय बहुल दनवार गांव, बोरियो प्रखंड मुख्यालय से महज तीन किलोमीटर दूर ही है इसके बाद भी कभी सरकार या उसके आला अधिकारियों की नजर इस गांव की प्रमुख समस्या पर नहीं गई है। उधर ग्रामीण रामसुंदर पहाड़िया ने बताया कि सरकार, हमारे पहाड़ों से पत्थर निकाल कर राजस्व वसूल करती है, उसी के तहत डीएमएफटी फंड का भी व्यवस्था है ताकि आदिवासी और आदिम जनजाति गांवों में विकास कार्य किया जा सकें लेकिन सरकार और अधिकारी डीएमएफटी फंड का उपयोग हमारे समस्याओं को दूर करने में नहीं कर रही है जो चिंता का विषय है।

ग्राम प्रधान भी सड़क की खराब दशा से परेशान

उधर गांव के ग्राम प्रधान सोमाय पहाड़िया ने बताया कि सदियों से गांव में सड़क नहीं है। जहां मिट्टी की कच्ची सड़क का कई बार मनरेगा से मिट्टी मोरम का कार्य किया गया है, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ है। वही मुख्य सड़क से लेकर गांव तक पक्की सड़क बन जाने से ग्रामीणों के आवाजाही में काफ़ी सुविधा होगी। उधर उन्होंने कहा कि प्रखंड विकास पदाधिकारी बोरियो को इस विषय पर जरूर ध्यान देना चाहिए ताकि आदिम जनजाति समुदाय के इस बहुल गांव के लोग आसानी से पक्की सड़क पर चलकर प्रखंड मुख्यालय समेत हाट बाजार, अस्पताल आसानी से आ जा सकें।

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