खरसावां, 12 जुलाई 2025:
झारखंड सरकार द्वारा संचालित अंग्रेजी माध्यम का एकमात्र मॉडल स्कूल – खरसावां मॉडल स्कूल, बुरुडीह – बुनियादी सुविधाओं के अभाव में संघर्ष कर रहा है। जहां एक ओर सरकार शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने की दिशा में कदम उठा रही है, वहीं दूसरी ओर स्कूल तक पहुंचने वाला मुख्य रास्ता विकास की पोल खोल रहा है।
बारिश बनी आफत, सड़क बनी दलदल
बारिश का मौसम आते ही बुरुडीह गांव की मुख्य सड़क दलदली रूप ले लेती है। इस कीचड़ भरे रास्ते से हर दिन तीन सौ से अधिक छात्र-छात्राएं स्कूल पहुंचने को मजबूर हैं। बच्चों को हाथों में चप्पल लेकर और पीठ पर बैग लादकर सावधानी से कीचड़ पार करना पड़ता है। कई बार बच्चे गिर जाते हैं, कपड़े और किताबें कीचड़ से सने मिलते हैं।
अभिभावकों और शिक्षकों की चिंता
स्कूल के शिक्षक, शिक्षिकाएं और अभिभावक इस स्थिति को लेकर बेहद चिंतित हैं। एक अभिभावक ने बताया,
“हर साल शिकायत करते हैं, हर साल कीचड़ ही मिलता है। बच्चों की पढ़ाई बाधित हो रही है, लेकिन प्रशासन को फर्क नहीं पड़ता।”
जनप्रतिनिधियों से शिकायत का कोई असर नहीं
ग्रामीणों का कहना है कि वे कई बार प्रशासनिक अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों से इस सड़क की मरम्मत की मांग कर चुके हैं, लेकिन आज तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। स्कूल प्रबंधन की ओर से भी कई बार ज्ञापन सौंपा गया, पर हर बार आश्वासन के सिवाय कुछ नहीं मिला।
शिक्षा मंत्री से सवाल
परिजन अब सीधे शिक्षा मंत्री और राज्य सरकार से सवाल पूछ रहे हैं – “जब सरकार शिक्षा को प्राथमिकता में रखती है, तो फिर स्कूल जाने का रास्ता इतना बदहाल क्यों है?” ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही सड़क की मरम्मत का कार्य शुरू नहीं किया गया, तो वे जन आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।