Ranchi : झारखंड हाई कोर्ट ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी, सांसद बीडी राम, और राज्यसभा सदस्य दीपक प्रकाश समेत 40 नेताओं के खिलाफ लालपुर थाना में दर्ज एफआईआर में पीड़क कार्रवाई पर रोक को बरकरार रखा है। यह मामला 23 अगस्त, 2024 को भारतीय जनता युवा मोर्चा की रैली में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हुई झड़प से जुड़ा है। रैली के दौरान बैरिकेड तोड़ने और झड़प के बाद लालपुर थाना में कांड संख्या 203/2024 के तहत 51 नामजद और 12,000 अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी। आरोपियों ने एफआईआर को रद्द करने के लिए कोर्ट में याचिका दायर की थी।
कोर्ट ने राज्य सरकार को प्रतिशपथ पत्र दाखिल करने का समय दिया
सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने प्रतिशपथ पत्र दाखिल करने के लिए समय मांगा। कोर्ट ने यह समय मंजूर करते हुए प्रार्थियों को भी जवाब दाखिल करने के लिए दो सप्ताह का समय दिया। अगली सुनवाई तक हाई कोर्ट ने आरोपियों के खिलाफ किसी भी प्रकार की कार्रवाई पर रोक जारी रखने का निर्देश दिया है।
झड़प का कारण और पुलिस कार्रवाई
भाजपा युवा मोर्चा की रैली में कार्यकर्ताओं ने हेमंत सोरेन सरकार के खिलाफ ‘अन्याय’ और चुनावी वादों में विफलता का आरोप लगाया। प्रदर्शन के दौरान बैरिकेड तोड़ने पर पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस, पानी की बौछार और रबर की गोलियों का इस्तेमाल किया। झड़प में कई प्रदर्शनकारी और पुलिसकर्मी घायल हुए। घटना के बाद जिला प्रशासन ने धारा 144 लागू कर दी और रैली स्थल के आसपास 500 मीटर के दायरे में जमावड़े पर रोक लगा दी।
किन नेताओं पर दर्ज है मामला?
प्राथमिकी में जिन पर कार्रवाई पर रोक लगी है, उनमें बाबूलाल मरांडी, सांसद बीडी राम, संजय सेठ, दीपक प्रकाश, पूर्व विधायक भानु प्रताप शाही, अर्जुन मुंडा, और अन्य नेता शामिल हैं। इसके अलावा, रांची विधायक सीपी सिंह, गीता कोड़ा, मधु कोड़ा और अन्य भाजपा नेताओं के नाम भी सूची में दर्ज हैं।