Ranchi : झारखंड कांग्रेस में आंतरिक गुटबाजी एक बार फिर सतह पर आ गई जब पार्टी की पॉलिटिकल अफेयर्स कमेटी की बैठक में पूर्व सांसद फुरकान अंसारी और कार्यकारी अध्यक्ष बंधू तिर्की के बीच पेसा कानून को लेकर तीखी बहस हो गई। बैठक के दौरान दोनों नेताओं के बीच बकझक इस हद तक बढ़ी कि प्रदेश प्रभारी के राजू और अध्यक्ष केशव महतो कमलेश को बीच-बचाव तक नहीं करना पड़ा — वे सिर्फ मूकदर्शक बने रहे।
बैठक में बंधू तिर्की ने कहा कि “पार्टी में ही कुछ जयचंद हैं, जो पेसा कानून लागू होने में बाधा बन रहे हैं।” जवाब में फुरकान अंसारी ने पलटवार करते हुए तंज कसा कि “आप पार्टी में नए हैं, थोड़ा धैर्य रखें। रिम्स टू की जमीन पर आपके विरोध से भ्रम की स्थिति बन रही है।”
ज्ञात हो कि बंधू तिर्की की बेटी शिल्पी नेहा तिर्की, कृषि मंत्री हैं, जबकि फुरकान अंसारी के बेटे इरफान अंसारी, स्वास्थ्य मंत्री हैं। रिम्स टू परियोजना को लेकर दोनों परिवारों के बीच मतभेद पहले से ही सामने आ चुके हैं और अब यह विवाद पिता नेताओं के स्तर तक पहुँच गया है।
बंधू तिर्की और प्रदीप यादव, दोनों नेता 2019 में जेवीएम से कांग्रेस में आए थे, जबकि पार्टी के कई पुराने नेता अभी भी उन्हें सहज रूप से स्वीकार नहीं कर पाए हैं। प्रदीप यादव वर्तमान में विधायक दल के नेता हैं, जबकि बंधू तिर्की प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष हैं। पार्टी में पुराने और नये नेताओं के बीच तालमेल की कमी अब सार्वजनिक मंचों तक पहुँच चुकी है।
पॉलिटिकल अफेयर्स कमेटी की बैठक से पहले हुई विधायकों की बैठक में भी कई नेताओं ने पार्टी कोटे के मंत्रियों पर काम न करने की शिकायत की। विधायकों ने कहा कि “जनता के बीच जवाब देना मुश्किल हो रहा है क्योंकि घोषणापत्र के वादे अब तक पूरे नहीं हुए।” इससे पहले की सरकार में भी बन्ना गुप्ता और बादल पत्रलेख को लेकर ऐसी ही शिकायतें उठती रही थीं।