साहिबगंज: संताल परगना के सुदूर ग्रामीण क्षेत्र में शिक्षा का एक महत्वपूर्ण स्तंभ इंटरमीडिएट की पढ़ाई अब खतरे में पड़ती नजर आ रही है। जहां सिद्धो कान्हु मुर्मू विश्वविद्यालय दुमका के अधीनस्थ कॉलेजों में इंटरमीडिएट की पढ़ाई को बंद किए जाने की अटकलों ने आदिवासी एवं गरीब तबके के छात्र छात्राओं को गहरी चिंता में डाल दिया है। जहां इस विषय को लेकर बुधवार को साहिबगंज महाविद्यालय के आदिवासी कल्याण छात्रावास के छात्र नायक एवं छात्र सचिव ने कुलपति को एक पत्र प्रेषित कर इस निर्णय पर पुनर्विचार की मांग की है। वही साहिबगंज कॉलेज के प्राचार्य को सौंपे गए पत्र में स्पष्ट किया गया है कि यदि इंटरमीडिएट की पढ़ाई कॉलेजों में बंद कर दी गई, तो ग्रामीण क्षेत्रों के गरीब विद्यार्थी, जो छात्रावासों में रहकर पढ़ाई कर रहे हैं उन्हें पढ़ाई छोड़ने को मजबूर हो सकते हैं इससे ड्रॉपआउट की दर में भारी वृद्धि होगी। वही छात्र छात्राओं का कहना है कि स्थानीय प्लस टू विद्यालयों में मूलभूत संरचना, योग्य शिक्षकों और संसाधनों की भारी कमी है जिससे गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिलना असंभव है। ऐसे में कॉलेजों में इंटर की पढ़ाई बंद करना सीधे तौर पर छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ होगा। जहां उन्होंने विश्वविद्यालय प्रशासन से मांग किया है कि सभी कॉलेजों में इंटरमीडिएट की पढ़ाई पूर्ववत जारी रखी जाए ताकि गरीब एवं दूरस्थ क्षेत्र के छात्र छात्राएं इंटर की शिक्षा से वंचित न हों।
क्या कहता है छात्रावास प्रशासन
“यह केवल एक शैक्षणिक निर्णय नहीं, बल्कि उनके जीवन और भविष्य से जुड़ा सवाल है,” वही छात्रावास प्रतिनिधि ने कहा कि “वे उम्मीद करते हैं कि विश्वविद्यालय प्रशासन उनकी आग्रह को गंभीरता से लेकर उचित निर्णय लेगा।”