New delhi: मंगलवार, 7 जनवरी 2025 की सुबह नेपाल सहित भारत और तिब्बत में भूकंप के जोरदार झटके महसूस किए गए। नेपाल में इसकी तीव्रता 7.1 दर्ज की गई, जबकि तिब्बत में 6.8 तीव्रता रही। भारत के बिहार, सिक्किम, और उत्तर बंगाल के कई हिस्सों में भी कंपन महसूस हुआ।
नेपाल में 9 की मौत, तिब्बत सीमा पर भारी नुकसान
नेपाल और तिब्बत की सीमा के पास आए इस भूकंप ने अब तक 9 लोगों की जान ले ली है। सुबह करीब 6:40 बजे आए भूकंप से बिहार के मोतिहारी और समस्तीपुर जैसे इलाकों में लोग दहशत में आ गए। झटके लगभग 5 सेकंड तक महसूस किए गए। यूएसजीएस के अनुसार, भूकंप का केंद्र तिब्बत क्षेत्र के निकट था, जहां भारी तबाही होने की आशंका है। भारतीय इलाकों में अब तक किसी बड़े नुकसान की खबर नहीं आई है।
क्यों आते हैं भूकंप?
विशेषज्ञ बताते हैं कि पृथ्वी के अंदर सात प्रमुख टेक्टोनिक प्लेट्स होती हैं, जो लगातार गतिमान रहती हैं। जब ये प्लेटें आपस में टकराती हैं, तो ऊर्जा का विस्फोट होता है, जिससे भूकंप आते हैं। इसकी तीव्रता को रिक्टर स्केल पर मापा जाता है, जो 1 से 9 तक होती है।
भूकंप की तीव्रता और उसके प्रभाव
भूकंप की तीव्रता के आधार पर उसका असर अलग-अलग हो सकता है।
1.0-2.9: केवल सिस्मोग्राफ से पता चलता है।
3.0-3.9: हल्का कंपन, जैसे कोई ट्रक गुजर रहा हो।
4.0-4.9: खिड़कियों में दरारें और छोटे फर्नीचर गिर सकते हैं।
5.0-5.9: भारी फर्नीचर हिल सकता है।
6.0-6.9: इमारतों की नींव कमजोर हो सकती है।
7.0-7.9: इमारतें ढहने और पाइपलाइनें फटने का खतरा।
8.0-8.9: बड़े पुल गिर सकते हैं।
9.0 और उससे अधिक: भारी तबाही और सुनामी का खतरा।
भूकंप से बचाव के उपाय
1. खुले स्थान पर जाएं: भूकंप के दौरान इमारतों से बाहर निकलकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचें।
2. मजबूत संरचना के नीचे रहें: फर्नीचर या मजबूत टेबल के नीचे छिपें।
3. भूकंप के बाद सतर्क रहें: आफ्टरशॉक्स का खतरा रहता है, इसलिए सावधानी बरतें।
नेपाल और तिब्बत क्षेत्र में आए इस भूकंप ने एक बार फिर से भूकंप-प्रवण इलाकों में सतर्कता बढ़ाने की जरूरत पर जोर दिया है।