Jamshedpur : पूर्वी सिंहभूम जिला विधिक सेवा प्राधिकार (डालसा) द्वारा शनिवार को जिला व्यवहार न्यायालय परिसर के लोक अदालत सभागार में जिला स्तरीय बहु हितधारक परामर्श कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश अरविंद कुमार पांडेय मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। उन्होंने कहा कि आपराधिक मामलों की जांच करने वाले अनुसंधानकर्ताओं को निष्पक्ष और संवेदनशील तरीके से काम करना चाहिए, ताकि किसी निर्दोष व्यक्ति को अनावश्यक रूप से परेशानी न उठानी पड़े।
श्री पांडेय ने कहा कि केस डायरी तैयार करते समय अनुसंधानकर्ता को विशेष ध्यान रखना चाहिए कि गरीब, असहाय और निर्दोष लोगों को न्याय प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की बाधा या मानसिक प्रताड़ना का सामना न करना पड़े।
राज्य बार काउंसिल के उपाध्यक्ष राजेश शुक्ल का वक्तव्य
कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में झारखंड स्टेट बार काउंसिल के वाइस चेयरमैन और वरिष्ठ अधिवक्ता राजेश कुमार शुक्ल ने कहा कि नालसा, झालसा और डालसा ने समाज के कमजोर वर्गों के हित में कई मामलों का सौहार्दपूर्ण समाधान किया है। उन्होंने बाल हित संरक्षण, महिला सुरक्षा और कानूनी जागरूकता के क्षेत्रों में डालसा की पहल की सराहना की। राजेश शुक्ल ने यह भी कहा कि झालसा ने संविधान दिवस पर साढ़े नौ हजार मामलों का समाधान कर वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया है, जो झारखंड के लिए गर्व की बात है।
अन्य अधिकारियों के विचार
पूर्वी सिंहभूम के ग्रामीण आरक्षी अधीक्षक ऋषभ गर्ग ने कहा कि सभी हितधारकों को अपने-अपने कार्यक्षेत्र में ईमानदारी व समर्पण के साथ योगदान देना चाहिए, तभी न्याय व्यवस्था मजबूत हो सकती है। सिविल सर्जन डॉ साहिर पॉल ने कहा कि इस तरह की कार्यशालाएं तकनीकी व चिकित्सकीय दृष्टिकोण से जांच की गुणवत्ता बढ़ाने में सहायक होती हैं।
कार्यक्रम उद्घाटन एवं तकनीकी सत्र
कार्यक्रम का उद्घाटन प्रधान जिला जज अरविंद कुमार पांडेय, परिवार न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश अजित कुमार सिंह, आरक्षी अधीक्षक ऋषभ गर्ग, सिविल सर्जन डॉ साहिर पॉल, राज्य बार काउंसिल उपाध्यक्ष राजेश शुक्ला, जिला बार एसोसिएशन अध्यक्ष रतिन दाश, सचिव कुमार राजेश रंजन, और डालसा सचिव धर्मेंद्र कुमार ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया। स्वागत भाषण डालसा सचिव धर्मेंद्र कुमार ने दिया। जिला बार अध्यक्ष रतिन दाश ने भी अपने संबोधन में आयोजन की सराहना की।
कार्यशाला के दो तकनीकी सत्र आयोजित हुए:
पहले सत्र की अध्यक्षता मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी विशाल गौरव ने की। इसमें अधिवक्ता मध्यस्थ के.के. सिन्हा और मुख्य एलएडीसी विदेश सिन्हा शामिल हुए। विषय था: पोक्सो व महिलाओं एवं बच्चों से संबंधित कानून। दूसरे सत्र में डालसा सचिव धर्मेंद्र कुमार ने डीएलएसए की भूमिका पर प्रकाश डाला। पैनल अधिवक्ता सुग्गी मुर्मू और सहायक एलएडीसी मनोज कुमार सिंह भी मौजूद रहे।
धन्यवाद ज्ञापन सहायक एलएडीसी योगिता कुमारी ने दिया और कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ किया गया। कार्यक्रम में न्यायिक अधिकारियों, पुलिस पदाधिकारियों, अधिवक्ताओं, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों और डालसा पीएलवी समेत बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे।