
Adityapur: चाईबासा के बालिवा जंगल में ऑपरेशन के दौरान वज्रपात की चपेट में आकर शहीद हुए सीआरपीएफ के सेकेंड इन कमांड अधिकारी एम. प्रबो सिंह को आदित्यपुर स्थित 157वीं बटालियन मुख्यालय में शनिवार को राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। इस अवसर पर झारखंड पुलिस, सीआरपीएफ और जिला प्रशासन के तमाम वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। शहीद की पत्नी और बेटे ने भी नम आंखों से अंतिम श्रद्धांजलि दी। माहौल गमगीन रहा, लेकिन हर चेहरा उनके बलिदान पर गर्व से भरा हुआ था।

श्रद्धांजलि सभा में जुटे वरीय अधिकारी
सीआरपीएफ के वरिष्ठ अधिकारियों ने शहीद अधिकारी को गार्ड ऑफ ऑनर दिया। कार्यक्रम में एडीजी संजय आनंद लाटकर, आईजी ऑपरेशन अमोल वेणुकांत होमकर, सीआरपीएफ आईजी साकेत सिंह, जगुआर डीआईजी अनूप बिरथरे, डीआईजी इंद्रजीत महथा, कोल्हान डीआईजी मनोज रतन चौथे, सरायकेला डीसी रविशंकर शुक्ल, जमशेदपुर एसएसपी किशोर कौशल, सरायकेला एसपी मुकेश लुनायत, पश्चिम सिंहभूम एसपी आशुतोष शेखर, जमशेदपुर ग्रामीण एसपी ऋषभ गर्ग सहित बड़ी संख्या में पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मौजूद थे।

आईजी होमकर का बयान
नक्सलवाद अंतिम सांसें गिन रहा है
मीडिया से बात करते हुए आईजी ऑपरेशन अमोल वेणुकांत होमकर ने कहा, यह एक प्राकृतिक आपदा थी, लेकिन हमारे जवानों का मनोबल अडिग है। झारखंड में नक्सलवाद अब अपने अंतिम चरण में है। डीजीपी के नेतृत्व में पुलिस और सुरक्षा बलों का अभियान तब तक जारी रहेगा जब तक यह समस्या पूरी तरह समाप्त नहीं हो जाती।

बालिवा जंगल में हुआ था हादसा
गुरुवार को चाईबासा जिले के बालिवा जंगल में सीआरपीएफ 26वीं बटालियन का नक्सल विरोधी ऑपरेशन जारी था। अभियान के दौरान अचानक तेज आवाज के साथ बिजली गिरी, जिससे दो अधिकारी और दो जवान गंभीर रूप से घायल हो गए। मौके पर तैनात मेडिकल टीम ने प्राथमिक उपचार कर उन्हें जंगल से बाहर निकाला, लेकिन इलाज के दौरान एम. प्रबो सिंह शहीद हो गए।
हाल ही में हुई थी पोस्टिंग
मूल रूप से मणिपुर के निवासी एम. प्रबो सिंह की झारखंड में पोस्टिंग कुछ महीने पहले ही हुई थी। वे जांबाज अफसर माने जाते थे और कई नक्सल ऑपरेशनों का हिस्सा रह चुके थे।