Jamshedpur : नारायण आईटीआई लुपुंगडीह चांडिल में राजा राम मोहन राय की जयंती मनाई गई एवं उनके तस्वीर पर श्रद्धा सुमन पुष्प अर्पित किया गया. इस अवसर पर संस्थान के संस्थापक डॉ जटाशंकर पांडेय ने कहा कि राजा राममोहन राय (22 मई 1772 -27 सितंबर 1833) को भारतीय पुनर्जागरण का अग्रदूत और आधुनिक भारत का जनक कहा जाता है. उनके पिता का नाम रमाकांत तथा माता का नाम तारिणी देवी था. भारतीय सामाजिक और धार्मिक पुनर्जागरण के क्षेत्र में उनका विशिष्ट स्थान है. वे ब्रह्म समाज के संस्थापक, भारतीय भाषायी प्रेस के प्रवर्तक, जनजागरण और सामाजिक सुधार आंदोलन के प्रणेता तथा बंगाल में नव-जागरण युग के पितामह थे.
डॉ जटाशंकर पांडेय ने विद्यार्थियों को बताया कि राघव सिहं राठौर उ भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम और पत्रकारिता के कुशल संयोग से दोनों क्षेत्रों को गति प्रदान की. उनके आन्दोलनों ने जहां पत्रकारिता को चमक दी, वहीं उनकी पत्रकारिता ने आन्दोलनों का मार्गदर्शन किया. राजा राम मोहन राय को राय की उपाधि अकबर 2 ने दी थी. उनको ,भारत के पुनर्जागरण का पिता, कहा जाता है. राजा राम मोहन राय ने सबसे पहले (आत्मीय सभा) की स्थापना की थी. उन्हें भारत का प्रथम आधुनिक पुरुष माना जाता है. उनकी समाधि ब्रिस्टल (इंग्लैंड) में है. इस अवसर पर अधिवक्ता निखिल कुमार, प्राचार्य जयदीप पांडेय, शांति राम महतो, कृष्ण पद महतो, देव कृष्णा महतो, पवन कुमार, गौरव महतो एवं अन्य उपस्थित थे.