बरहरवा आरपीएफ ने नाबालिगों को तस्करों के चंगुल से कराया मुक्त, बाल संरक्षण को किया सुपुर्द

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बरहरवा : आरपीएफ इंस्पेक्टर संजीव कुमार ने गुप्त सूचना के आधार पर कॉस्टेबल जितेंद्र प्रसाद यादव, कुमार प्रलयंकर और शहजाद अंसारी और आराधना मंडल, बाल संरक्षण मंथन बरहरवा के साथ बरहरवा रेलवे स्टेशन की जांच शुरू की। जहां जांच के दौरान आरपीएफ की टीम प्लेटफार्म संख्या 1 पर पहुंची तो मेन गेट के नजदीक चार नाबालिग लड़कियां संदिग्ध अवस्था में घूमती दिखी। जहां संदेह होने पर उन्हें रोककर पूछताछ की गई तो चारों नाबालिग लड़कियों ने बताया कि वे चारों सहेलियां है और अमानत दियारा प्यारपुर की रहनी वाली हैं। जहां वे लोग अपने घरों से मां से झगड़ा होने और घरेलू समस्या के कारण ऑटो से बरहरवा रेलवे स्टेशन आईं थी और 11 बजे वाली पैसेंजर ट्रेन से साहिबगंज जाती और वहां से मुंबई जाने वाली कोई ट्रेन पकड़ कर मुंबई चली जाती और वहां जाकर घरों में साफ सफाई का काम करती। उधर आगे उन सभी ने अपना नाम और पता राबिया खातून उम्र 13 वर्ष पिता जयूल शेख, फरीदा खातून उम्र 14 वर्ष पिता मैमुल शेख, मीना खातून उम्र 17 वर्ष पिता स्व. मोजिबुर रहमान एवं बुसरा खातून उम्र 14 वर्ष पिता स्व. सदागर शेख तीनों साकिन अमानत दियारा, पियारपुर, थाना राधानगर प्रखंड उधवा बताई। जहां सभी चारों नाबालिग लड़कियों को बरहरवा आरपीएफ की टीम ने अपने हिरासत में लेते हुए कागजी प्रक्रिया कर आराधना मंडल, बाल संरक्षण मंथन संस्था को आगे की कार्यवाही हेतु सौंप दिया गया। इस दौरान बरहरवा आरपीएफ इंस्पेक्टर संजीव कुमार ने कहा कि किसी भी प्रकार की अवैध गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जहां एक बार फिर से बरहरवा आरपीएफ इंस्पेक्टर की सक्रियता के कारण चार नाबालिग लड़कियों को मानव तस्करों के चंगुल से बचा लिया गया है जो काफी सराहनीय कार्य है।

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