बागुनहातु: जनकल्याण संघर्ष समिति ने उद्योग प्रबंधन को 8 सूत्रीय मांग पत्र सौंपने का लिया निर्णय, 15 दिनों में समाधान नहीं तो गेट जाम की चेतावनी

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जमशेदपुर : जनकल्याण संघर्ष समिति, बागुनहातु द्वारा आज एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन समिति के संरक्षक श्री अनुभव सिन्हा के आवास पर किया गया। बैठक की अध्यक्षता समिति के अध्यक्ष श्री मछिंदर निषाद ने की, जिसमें समिति के सभी पदाधिकारी एवं सदस्यगण उपस्थित रहे।बैठक में सर्वसम्मति से एक 8 सूत्रीय मांग पत्र पारित किया गया, जिसे बस्ती के समीप स्थित प्रतिष्ठित कंपनियों — टिमकेन, ब्लू स्कोप, सीआरएम बारा और टीएसपीडीएल — के प्रबंधन को ज्ञापन के माध्यम से सौंपने का निर्णय लिया गया। समिति ने यह स्पष्ट किया कि यदि 15 दिनों के भीतर मांगों पर संतोषजनक कार्रवाई नहीं की गई, तो स्थानीय बस्तीवासियों के सहयोग से कंपनी गेट जाम कर आंदोलन किया जाएगा।

प्रमुख मांगें:

  1. सफाई व्यवस्था: बस्ती में नियमित सफाई की जिम्मेदारी संबंधित कंपनियां अपने अधीन लें।
  2. सड़क एवं हाई मास्ट लाइट: बस्ती में रोशनी की समुचित व्यवस्था की जाए और उसे टिस्को की विद्युत आपूर्ति से जोड़ा जाए।
  3. स्थानीय युवाओं को रोजगार: पढ़े-लिखे और कुशल युवाओं को रोजगार के अवसर मुहैया कराए जाएं।
  4. खेल एवं स्वास्थ्य सेवाएं: युवाओं के लिए खेलकूद की सुविधाएं और बस्तीवासियों के लिए मासिक स्वास्थ्य शिविरों की व्यवस्था की जाए।
  5. CSR फंडिंग बहाली: छठ पूजा, दुर्गा पूजा, काली पूजा जैसे प्रमुख त्योहारों के लिए CSR के तहत मिलने वाली आर्थिक सहायता को पुनः चालू किया जाए।
  6. शुद्ध पेयजल की व्यवस्था: घर-घर शुद्ध पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए, जिससे जलजनित बीमारियों से बचा जा सके।
  7. सड़क सुरक्षा उपाय: कंपनी के मुख्य द्वार के समीप स्पीड ब्रेकर का निर्माण हो और सड़क किनारे खड़ी भारी वाहनों की व्यवस्था की जाए जिससे दुर्घटनाएं रोकी जा सकें।
  8. शिक्षा की व्यवस्था: गरीब बच्चों के लिए निःशुल्क और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की व्यवस्था की जाए।

बैठक में शामिल प्रमुख लोग:

बैठक में संरक्षक अनुभव सिन्हा, सचिव सुभाष प्रामाणिक, अध्यक्ष मछिंदर निषाद, जर्मन दस, सरस्वती देवी, सविता कैंब्रतो, पुतुल देवी, मांपी, दीपक कुमार, सामु लोहार, कर्फ्यू पोद्दार, कामेश्वर प्रसाद, बिप्लब नमाता, गामा, सबूर दास, संजय दे, नागेश्वर राव, परेश मुखी सहित कई अन्य पदाधिकारी और सदस्य उपस्थित थे।

आंदोलन की चेतावनी

समिति ने स्पष्ट कहा कि यह आंदोलन किसी पार्टी के लिए नहीं, बल्कि बस्ती के हक और अधिकार की लड़ाई है। अगर कंपनियों ने इन वाजिब मांगों को गंभीरता से नहीं लिया, तो जन आक्रोश बढ़ेगा और संघर्ष तेज किया जाएगा।

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