फिरोजपुर, पंजाब: फिरोजपुर की एक अदालत ने 5 जनवरी 2022 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा चूक के मामले में 25 किसानों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। इन किसानों पर भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 307 (हत्या की कोशिश) समेत अन्य गंभीर धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं।
क्या था मामला?
5 जनवरी 2022 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पंजाब के फिरोजपुर जिले में एक रैली को संबोधित करने जा रहे थे। इस दौरान उनका काफिला रास्ते में प्रदर्शनकारियों के कारण एक फ्लाईओवर पर करीब 15-20 मिनट तक फंसा रहा। इस सुरक्षा चूक को राष्ट्रीय सुरक्षा का गंभीर मामला बताया गया था, जिसके कारण प्रधानमंत्री को कार्यक्रम रद्द कर दिल्ली लौटना पड़ा।
आरोप और जांच की प्रगति
मामले में प्रदर्शनकारियों पर आरोप है कि उन्होंने जानबूझकर प्रधानमंत्री के काफिले को रोकने की कोशिश की और उनकी सुरक्षा को खतरे में डाला। अदालत ने इन 25 किसानों के खिलाफ जारी वारंट में कहा है कि उन्हें IPC की धारा 307 (हत्या की कोशिश) के साथ-साथ अन्य संबंधित धाराओं के तहत गिरफ्तार किया जाए।
राजनीतिक प्रतिक्रिया
मामले को लेकर सियासी हलकों में तीखी प्रतिक्रियाएं देखने को मिली हैं। भाजपा ने इस घटना को साजिश करार दिया और पंजाब की तत्कालीन कांग्रेस सरकार पर सुरक्षा में लापरवाही का आरोप लगाया। वहीं, किसान संगठनों ने इसे एक लोकतांत्रिक प्रदर्शन बताया और खुद को राजनीतिक साजिश का शिकार बताया है।
कानूनी कार्रवाई का रास्ता
फिरोजपुर अदालत के आदेश के बाद पंजाब पुलिस पर अब 25 किसानों को गिरफ्तार करने का दबाव बढ़ गया है। इसके साथ ही, यह मामला एक बार फिर राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का विषय बन गया है।
पीड़ित परिवारों और प्रदर्शनकारियों की प्रतिक्रिया
मामले में आरोपी किसानों के परिवारों ने कहा है कि वे इस फैसले के खिलाफ उच्च न्यायालय में अपील करेंगे। किसान संगठनों ने इसे किसानों को डराने-धमकाने की कोशिश बताया है। इस मामले में गिरफ्तारी वारंट के बाद अब कानूनी प्रक्रिया तेज हो सकती है। साथ ही, यह मामला आगामी चुनावी माहौल में भी एक बड़ा मुद्दा बन सकता है। प्रधानमंत्री की सुरक्षा चूक का यह मामला न केवल राजनीतिक बल्कि कानूनी दृष्टिकोण से भी अत्यंत संवेदनशील है, और इसकी जांच व कार्रवाई पर पूरे देश की नजर बनी हुई है।
