एयर इंडिया क्रैश की जांच में एयरपोर्ट स्टाफ शक के घेरे में, मोबाइल जब्त – साजिश की भी आशंका

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New Delhi : 12 जून को अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल इंटरनेशनल एयरपोर्ट से टेकऑफ के दौरान दुर्घटनाग्रस्त हुई एयर इंडिया की फ्लाइट AI 171 की जांच में अब एयरपोर्ट का ग्राउंड स्टाफ जांच एजेंसियों के घेरे में आ गया है। हादसे की गंभीरता को देखते हुए जांच एजेंसियों ने हादसे की मूल वजह तक पहुँचने के लिए एयरपोर्ट स्टाफ से पूछताछ शुरू कर दी है और प्रमुख स्टाफ के मोबाइल फोन जब्त कर लिए गए हैं।

हादसे की जांच एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB), DGCA, गुजरात पुलिस, एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया और अमेरिका और ब्रिटेन की विशेषज्ञ एजेंसियों द्वारा की जा रही है। सूत्रों की मानें तो फ्लाइट की ग्राउंड हैंडलिंग में शामिल सभी कर्मचारियों के बयान दर्ज किए जा चुके हैं, खासकर उन लोगों के, जिन्होंने टेकऑफ से पहले विमान को हरी झंडी दी थी।

एजेंसियों ने एयरपोर्ट का CCTV फुटेज भी कब्जे में लिया है, जिसमें टेकऑफ से पहले के पल दर्ज हैं। इसके अलावा, क्रैश साइट से Digital Flight Data Recorder (DFDR) और Cockpit Voice Recorder (CVR) भी बरामद कर लिए गए हैं, जो जांच के लिए बेहद अहम माने जा रहे हैं।

CVR में पायलट की बातचीत, इंजन की आवाज और कॉकपिट की गतिविधियां रिकॉर्ड होती हैं, जबकि DFDR से फ्लाइट की स्पीड, ऑटो-पायलट इनपुट, और तकनीकी डेटा की जानकारी मिलती है। प्राथमिक जांच में यह सामने आया है कि पायलट ने क्रैश से पहले ‘Mayday’ कॉल दी थी, जिसके तुरंत बाद विमान का ATC से संपर्क टूट गया था।

बोइंग कंपनी, जिसके इस हादसे में शामिल 787 ड्रीमलाइनर विमान का यह पहला बड़ा हादसा है, भी पूरी जांच में सहयोग कर रही है। वहीं, अमेरिकी फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (FAA), नेशनल ट्रांसपोर्टेशन सेफ्टी बोर्ड (NTSB) और ब्रिटेन के एविएशन एक्सपर्ट्स भी जांच का हिस्सा हैं। अमेरिकी एजेंसियां रिपोर्ट के आधार पर जरूरी सुरक्षा उपायों की सिफारिश करेंगी।

जांच एजेंसियों ने अभी तक साजिश की संभावना से इनकार नहीं किया है और किसी भी एंगल को नजरअंदाज नहीं किया जा रहा। पूरा देश इस हादसे की सच्चाई सामने आने का इंतजार कर रहा है।

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