चकुलिया :- प्रशिक्षक उमेश गिरि ने कहा कि कराटे का उद्देश्य केवल शारीरिक बल नहीं, बल्कि अनुशासन, आत्म–संयम और मानसिक मजबूती है। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि:
“बहुत से लोगों की धारणा है कि कराटे सिखाने से बच्चे झगड़ालू बन जाते हैं, जबकि सच्चाई यह है कि कराटे उन्हें संयमित, सशक्त और आत्मनिर्भर बनाता है।”
“फर्जी कराटे संस्थाओं से रहें सतर्क”
प्रशिक्षक उमेश गिरि ने कराटे क्षेत्र में फैली फर्जीवाड़े की प्रवृत्ति पर कड़ा प्रहार किया। उन्होंने कहा:
“आज घाटशिला अनुमंडल में ‘5G स्पीड’ से फर्जी कराटे संस्था और प्रशिक्षकों की बाढ़ आई हुई है। ये सिर्फ बेल्ट और सर्टिफिकेट बेचने का धंधा चला रहे हैं।”
उन्होंने इसे “द ग्रेट बेल्ट एंड सर्टिफिकेट बिग बाजार बिजनेस” करार दिया और विद्यार्थियों को चेतावनी दी कि:
“शिकारी आएगा, बेल्ट और सर्टिफिकेट का दाना डालेगा, लेकिन उसकी चिकनी-चुपड़ी बातों में नहीं आना।”
इसके साथ ही उन्होंने “सावधान घाटशिला अनुमंडल” का नारा भी दिया।
क्योंकुशिन कराटे: विश्व का नंबर 1 रियल फाइटिंग कराटे संगठन
प्रशिक्षक ने बताया कि “Kyokushin” (क्योंकुशिन) विश्व की नंबर 1 फूल कांटेक्ट रियल फाइटिंग कराटे संस्था है, जिसका मुख्यालय टोक्यो, जापान में है। यह संस्था अनुशासन, तकनीक और असली आत्मरक्षा के लिए जानी जाती है।
विद्यालय प्रबंधन ने दी सराहना
विद्यालय के प्रधानाचार्य श्री सुभाष चंद्र महतो ने प्रशिक्षकों का स्वागत करते हुए कहा कि इस प्रकार के प्रशिक्षण कार्यक्रम आज के समय की सबसे बड़ी आवश्यकता हैं। उन्होंने कहा:
“आत्मरक्षा अब एक अनिवार्य जीवन कौशल बन चुका है। विद्यालय समय-समय पर इस तरह के आयोजनों के लिए प्रतिबद्ध रहेगा।”
कार्यक्रम का संचालन भी सुभाष चंद्र महतो ने ही कुशलता से किया। इस अवसर पर विद्यालय के सभी शिक्षक, शिक्षिकाएं, कर्मचारीगण एवं बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं मौजूद थे। पूरे कार्यक्रम के दौरान उत्साह और ऊर्जा का माहौल देखने को मिला।